भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को 230 सीटों में से 114 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी रही। बीजेपी को 109 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं राज्य में बहुजन समाज पार्टी को 2 और समाजवादी पार्टी को एक सीट मिला है। इसके साथ-साथ चार निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतने में कामयाब रहे।
जहां तक कांग्रेस की बात है तो पार्टी बहुमत के आंकड़े से दो सीट दूर रह गई। बता दें कि राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि यदि कांग्रेस को 116 सीटें मिलती हैं तो वहीं तुरंत ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। मध्यप्रदेश में वोटों को गिनती देर रात तक चलती रही। भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ से नेताओं के हाथ-पैर फूले हुए थे।
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वहीं बुधवार को एक नए घटनाक्रम में बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को सर्पोट करने का ऐलान कर दिया। मायावती ने दिल पर पत्थर रखकर कहा कि वह भाजपा को दूर रखने के लिए वह कांग्रेस को समर्थन दे रही हैं। सपा और बसपा का साथ मिलने के बाद चार बचे निर्दलीय ने भी कांग्रेस का हाथ थामने का फैसला किया।
अब अगर सभी को मिला लिया जाए तो कांग्रेस को आंकड़ा बहुमत से कहीं ज्यादा हो जाता है। राज्य में सरकार गठने के लिए कम से कम 116 सीटों की दरकार है। सभी समर्थकों को मिलाने के बाद कांग्रेस 114+ बसपा-2 + सपा-1 + 4 निर्दिलीय = 121 विधायकों का हो जाता है। इस प्रकार देखा जाए तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना माना जा रहा है।
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मध्यप्रदेश में समर्थन के बाद मायावती ने कहा कि यदि राजस्थान में जरूरत पड़ी तो वहां भी मायावती कांग्रेस साथ देगी। मायावती ने कहा, ‘भाजपा गलत नीतियों की वजह से हारी है। भाजपा से जनता परेशान हो चुकी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन में यहां काफी उपेक्षा हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद केंद्र और राज्य में ज्यादातर जगह कांग्रेस ने ही राज किया है। मगर कांग्रेस के राज में भी लोगों का भला नहीं हो पाया।अगर कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर के साथ मिलकर विकास का काम सही से किया होता तो बसपा को अलग पार्टी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।’
वहीं मध्यप्रदेश में सीएम का फैसला पार्टी की बैठक के बाद किया जाएगा। हालांकि कमलनाथ और सिंधिया के समर्थक अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

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