Akshaya Tritiya 2024: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा बड़े ही विधि विधान से की जाती है। मां लक्ष्मी को धन की देवी भी कहा जाता है और माता रानी को खुश करने के लिए भक्त कई प्रकार के उपाय करते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख शांति बनी रहे और विषमता दूर हो।
इस दिन साधक स्नान करने के बाज विधिवत पूजा करते हैं। यदि आप भी चाहते हैंं कि आपके घर की आर्थिक कंगी दूर हो, इसके लिए आपको अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करनी होगी। वहीं पूजा के साथ साथ एक खास स्तोत्र का पाठ करना होगा। इससे धन कष्ट दूर हो जाते हैं।
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धनदा लक्ष्मी स्तोत्र
धनदे धनपे देवी, दानशीले दयाकरे।
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त्वम् प्रसीद महेशानी यदर्थं प्रार्थयाम्यहम ।।
धरामरप्रिये पुण्ये, धन्ये धनद-पूजिते।
सुधनं धार्मिकं देहि ,यजमानाय सत्वरम ।।
रम्ये रुद्रप्रियेअपर्ने, रमारूपे रतिप्रिये।
शिखासख्यमनोमूर्ते प्रसीद प्रणते मयी ।।
आरक्त -चरणामभोजे, सिद्धि-सर्वार्थदायिनी।
दिव्याम्बर्धरे दिव्ये ,दिव्यमाल्यानुशोभिते ।।
समस्तगुणसम्पन्ने, सर्वलक्षण -लक्षिते।
शरच्चंद्रमुखे नीले ,नीलनीरद- लोचने ।।
चंचरीक -चमू -चारू- श्रीहार -कुटिलालके।
दिव्ये दिव्यवरे श्रीदे ,कलकंठरवामृते ।।
हासावलोकनैर्दिव्येर्भक्तचिन्तापहारिके।
रूप -लावण्य-तारुण्य -कारुण्यगुणभाजने ।।
क्वणत-कंकण-मंजीरे, रस लीलाकराम्बुजे।
रुद्रव्यक्त -महतत्वे ,धर्माधारे धरालये ।।
प्रयच्छ यजमानाय, धनं धर्मैक -साधनं।
मातस्त्वं वाविलम्बेन, ददस्व जगदम्बिके ।।
कृपाब्धे करूणागारे, प्रार्थये चाशु सिद्धये।
वसुधे वसुधारूपे ,वसु-वासव-वन्दिते ।।
प्रार्थिने च धनं देहि, वरदे वरदा भव।
ब्रह्मणा ब्राह्मणेह पूज्या ,त्वया च शंकरो यथा ।।
श्रीकरे शंकरे श्रीदे प्रसीद मयी किन्करे।
स्तोत्रं दारिद्र्य -कष्टार्त-शमनं सुधन -प्रदम ।।
पार्वतीश -प्रसादेन सुरेश किन्करे स्थितम।
मह्यं प्रयच्छ मातस्त्वं त्वामहं शरणं गतः ।।

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