नई दिल्ली। अफगानिस्तान के हेरात शहर में सोमवार को हुए एक हमले में 29 लोगों की मौत हो गई। हमला शिया मस्जिद जवाड्या में हुआ। हमले में 63 लोगों के घायल होने की खबर भी है। ये मस्जिद ईरान बॉर्डर पर स्थित है। खबर है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। इससे पहले हमले के एक पहले ISIS ने काबुल स्थित इराकी एम्बेसी पर हमले की जिम्मेदारी ली थी।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक हेरात पुलिस स्पोक्सपर्सन अब्दुल अहद वलीजादा ने बताया, “स्थानीय वक्त के मुताबिक हमला रात करीब 8 बजे हुआ। शुरुआती जांच से लग रहा है कि 2 हमलावर थे। इनमें से एक फिदायीन हमलावर था, जिसने मस्जिद के भीतर ब्लास्ट करके खुद को उड़ा लिया और दूसरे ने नमाजियों पर ग्रेनेड दागे। हालांकि दोनों की मौत हो गई।”
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हमले में घायल एक नमाजी ने कहा कि दो हमलावरों ने मस्जिद के अंदर आकर गोलियां चलानी शुरू कर दी और नमाजियों पर ग्रेनेड दागे। हेरात के गवर्नर अासिफ रहीमी के मुताबिक इस हमले में कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। लेकिन ऐसी आशंका है कि आईएसआई का हाथ इस हमले में हो सकता है।
बता दें कि आईएसआई पूर्वी अफगानिस्तान में अपना पैर पसार रहा है। हाल ही हुई काबुल हमले की जिम्मेदारी भी आईएसआई ने ली थी। अफगानिस्तान में एक सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि अफगानिस्तान में जो आईएसआईएस हैं वो तालिबान से ज्यादा खतरनाक हैं। इससे पहले भी अफगानिस्तान में इस तरह के हमले हो चुके हैं। 31 जुलाई को भी एक सुसाइड बॉम्बर ने खुद को इराकी एम्बेसी के पास उड़ा लिया था।
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