उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सरकारी नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण देने का फैसला किया है। यह निर्णय उन लोगों के लिए है जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के गठन के लिए आंदोलन किया था। इस आरक्षण का लाभ राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिवारों को मिलेगा।
राज्य सरकार के इस कदम को आंदोलनकारियों के बलिदान और योगदान को सम्मान देने के रूप में देखा जा रहा है। यह आरक्षण केवल सरकारी नौकरियों में लागू होगा और इसका उद्देश्य राज्य आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा करना है।
उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को हुआ था, लेकिन इस राज्य की मांग और इसके लिए आंदोलन लंबे समय से जारी थे। इस आंदोलन में कई लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाई। अपने परिवारों से दूर रहकर संघर्ष किया और राज्य के गठन के लिए कई प्रकार की चुनौतियों का सामना किया।
सीएम धामी ने दी जानकारी
सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी देते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण वाले विधेयक को माननीय राज्यपाल ने मंजूदी दे दी है। माननीय राज्यपाल जी को हृदयतल से आभार! राज्य आंदोलनकारी हमारे लिए सदैव सम्मानीय रहे हैं।
सीएम धामी ने कहा कि हम उनके सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। इस विधेयक के पास होने के बाद राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता मिल सकेगी। शीघ्र ही विधेयक को लागू किया जाएगा।
आरक्षण की पृष्ठभूमि
उत्तराखंड राज्य की मांग 1990 के दशक में जोर पकड़ी थी, जब राज्य के लोग उत्तर प्रदेश सरकार से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य की मांग करने लगे थे। राज्य आंदोलनकारियों ने अपने हक के लिए संघर्ष किया और अंततः केंद्र सरकार को उत्तराखंड राज्य का गठन करने पर मजबूर कर दिया। इन आंदोलनकारियों की सेवाओं और बलिदानों को देखते हुए, राज्य सरकार ने उनके परिवारों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है।
निर्णय का उद्देश्य
इस आरक्षण का मुख्य उद्देश्य उन आंदोलनकारियों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है जिन्होंने राज्य के गठन के लिए अपने जीवन को दांव पर लगाया था। यह निर्णय राज्य सरकार के आंदोलनकारियों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है। इसके जरिए सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि राज्य के निर्माण में योगदान देने वालों को उनके बलिदान का उचित सम्मान मिले।
आरक्षण का प्रभाव
इस आरक्षण के तहत, उत्तराखंड राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्तियों के दौरान 10% पद आंदोलनकारियों और उनके परिवारों के लिए आरक्षित रहेंगे। यह आरक्षण उत्तराखंड में स्थायी रूप से रहने वाले और राज्य आंदोलन के दौरान सक्रिय रहे व्यक्तियों पर लागू होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यह आरक्षण केवल पहली पीढ़ी के आंदोलनकारियों को मिले, ताकि इसका लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
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