नई दिल्ली। चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड में गतिरोध को खत्म करने के लिए वाशिंगटन में हुई वार्ता बिना की निष्कर्ष के समाप्त हो गई। बैठक में ट्रेड वार की स्थिति को खत्म करने पर कोई फैसला नहीं हो सका। हालांकि चीन ने कहा कि अमेरिका के साथ टैरिफ वार किसी समझौते पर नहीं पहुंचना एक मामूली झटका है। चीन आगे भी वार्ता जारी रखने के पक्ष में है।
पीटीआई की खबर के मुताबिक, वॉशिंगटन से शुक्रवार को बीजिंग के लिए रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में चीन के उप प्रधानमंत्री लियू ही ने कहा कि वह सतर्क होने के साथ-साथ आशावादी थे। लेकिन किसी समझौते पर पहुंचने के लिए अमेरिका के ट्रंप प्रशासन को टैरिफ को समाप्त करने के लिए सहमत होने की जरूरत है।
चीन का ये भी मानना है कि जिन मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई, वह काफी संवेदनशील है। चीन का ये भी कहना है कि ये सिद्धांतों से जुड़े हैं और हम सिद्धांतों के मामले में किसी भी प्रकार की कोई रियायत नहीं देते हैं। हालांकि इसके बाद भी चीन की तरफ से कहा गया है कि चीन नहीं मानता कि वार्ता टूट गई है।
गौरतलब है कि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले अरबों डॉलर के समान पर टैरिफ को बढ़ाकर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं अमेरिका का यह भी कहना है कि अमेरिका 300 अरब डॉलर के चीनी व्यापार को कर के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है। बता दें कि दोनों देशों के बीच यह व्यापार विवाद तब शुरू हुआ था जब अमेरिका ने जुलाई 2018 में चीन के समानों पर नए टैरिफ लगाया था।
अमेरिका के ताजा रूख से इस बात का संकेत मिल रहा है कि अमेरिका चीन के लगभग हर समान पर शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में चीन के लिए मुश्किलें हो सकती हैं। चीन पूरी दुनियां में अपने समानों को निर्यात करता है जिसमें एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को भी निर्यात करता है। चीन एक निर्यातक देश है, चीन के उत्पाद काफी सस्ते होते हैं। चीन ने अपने सस्ते उत्पादों के बल पर पूरी दुनिया के बाजार में पहुंच बनाने की कोशिश कर है। कई देशों की बाजार में चीन काफी हद तक पहुंच बना भी चुका है।
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