लखनऊ। यूपी में गोरखपुर और फुलपुर लोकसभा उपचुनाव के सम्पन्न होने के बाद राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। रविवार को दोनों जगहों पर चुनाव सम्पन्न हो गया। दोनों ही सीटों पर पिछले तीन दशक के बाद सबसे कम वोटिंग हुई है। कम वोटिंग की वजह से एक ओर जहां प्रत्याशियों के गले सूख रहे हैं तो वहीं पार्टियों के अंदर भी बेचैनी छाई हुई है।
गोरखपुर में जहां एक ओर मतदाताओं ने कम वोटिंग का इस्तेमाल किया तो वहीं फुलपुर में भी स्थिति ठीक नहीं है। गोरखपुर में 47 प्रतिशत तो फुलपुर में 37 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बता दें कि पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार मतदान प्रतिशत कम रहा है। इन दोनों सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है।
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राज्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक मतदान सुबह सात बजे शुरू होकर शाम पांच बजे तक चला और शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। मतदाता की उदासी ने चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा, सपा, कांग्रेस के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
बता दें कि गोरखपुर सीट योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद खाली हुई है। फुलपुर सीट उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। फूलपुर में बीजेपी के कौशलेंद्र पटेल और बसपा समर्थित सपा प्रत्याशी नागेंद्र पटेल के बीच मुकाबला माना जा रहा है। गोरखपुर में बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला, बसपा समर्थित सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद और कांग्रेस की सुरहिता करीम मैदान में हैं।
इस उपचुनाव में बीजेपी के दोनों दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। एक ओर जहां योगी की सीट पर चुनाव हो रहा है तो वहीं केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिष्ठा जनता के सहारे टिकी हुई है। मतदान के नतीेजे 14 मार्च को आएंगे।
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