भोपाल। मध्यप्रदेश में सोमवार से शुरू हुए सियासी संकट अब और गहरा गया है। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ उनके खेमे के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद अब मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया इस्तीफे से पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिले। जिसके बाद अमित शाह उन्हें लेकर पीएम आवास पर गए। वहां इन नेताओं की लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने उन्हें तुरंत ही पार्टी से बाहर कर दिया।
इसी बीच सिंधिया के साथ-साथ उनके साथ के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के विधायक मनोज चौधरी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन विधायकों के इस्तीफे के साथ ही एमपी में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का जाना तय हो गया है और कमल की सरकार बनने के आसार तेज हो गए हैं। सिंधिया के इस्तीफे के साथ ही अब मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का गणित बिगड़ गया है।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को लेकर अक्सर ही चर्चाओं का दौर गर्म रहता था। इसी बीच बीएसपी और एसपी के विधायक भी शिवराज सिंह चौहान के खेमे में आ गए हैं। इस्तीफे देने वाले 22 विधायकों में 6 मंत्री भी शामिल है। इस्तीफा देने वाले सभी विधायक कर्नाटक में है और वहीं से एक तस्वीर जारी किया गया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं राज्यपाल से उम्मीद करता हूं कि वो विधायकों के इस्तीफे पर जल्द कोई फैसला लें।
खबर इस बात का भी है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार अगर मध्यप्रदेश में बनती है तो बीएसपी और एसपी के विधायक शिवराज सरकार के पक्ष में समर्थन कर सकते हैं। बीएसपी विधायक संजीव कुशवाहा और सपा विधायक राजेश शुक्ला शिवराज सिंह चौहान के घर मिलने पहुंचे हैं। हालांकि इस मुलाकात पर शिवराज सिंह ने कहा कि वो सिर्फ होली के अवसर मुलाकात करने आए थे। इसमें कोई राजनीति नहीं है।
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