नई दिल्ली। यूपीए सरकार के जीडीपी आंकड़ों को दोबारा जारी करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नीति आयोग के इस कदम की आलोचना की। उन्होंने केंद्र सरकार से इसे भंग करने की भी बात कही।
कांग्रेस ने इस कदम को भाजपा का बुरा मजाक करार दिया है। कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि ‘नीति आयोग के संशोधित जीडीपी आंकड़े एक मजाक हैं। वे एक बुरा मजाक हैं। असल में वे एक बुरे मजाक से भी बदतर हैं।
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह चालाकी के तहत किया गया है। अब समय आ गया है कि बेकार संस्था नीति आयोग को बंद कर दिया जाए।’ साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘पहले आंकड़ों की गणना राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग करता था। क्या आयोग को भंग कर दिया गया?’

नीति आयोग के नए संशोधित जीडीपी विकास दर-
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2005-06 : 9.3% से घटाकर 7.9%
2006-07 : 9.3% से घटाकर 8.1%
2007-08 : 9.8% से घटाकर 7.7%
2008-09 : 3.9% से घटाकर 3.1%
2009-10 : 8.5% से घटाकर 7.9%
2010-11 : 10.3% से घटाकर 8.5%
वहीं इस विवाद पर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि हमने नई मेथोडोलॉजी का इस्तेमाल किया है, जो पुरानी मेथोडोलॉजी से बेहतर है।

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