अमृतसर। अमृतसर के निरंकारी भवन में रविवार को हुए आतंकी हमले में तीन की मौत हो गई। हमले के बाद राज्य के सभी शहरों और दिल्ली-एनसीआर और आसपास के सभी महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर विशेष सावधानी बरती जा रही है।
अमृतसर में हुए इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हालांकि अभी हमला करवाने वाले की पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन शक खालिस्तानी समर्थकों पर जा रहा है। जिन लोगों ने मोटरसाइकिल पर सवार होकर ग्रेनेट फेका था, उनकी तस्वीर सामने आई है। पुलिस तस्वीरों के आधार तलाशी अभियान चला रही है।
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इस मामले में जांच की जिम्मेदारी NIA की टीम को दी गई है। एनआईए की टीम घटनास्थल पर सोमवार की सुबह पहुंची और हमले की जांच शुरु कर दी।
ऐसे हुआ हमला
अमृतसर हमले की परते अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, हमले के पीछे खालिस्तानी समर्थकों का हाथ है। पुलिस को शक है कि खालिस्तानी समर्थकों ने लोकल लड़कों को बहकाकर इस हमले को अंजाम दिया है। आईएसआई की शह पर कश्मीर के आतंकी संगठनों के पाकिस्तानी में बैठे खालिस्तानी आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिलवाया।
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हमले को लेकर एक और बात सामने आ रही है कि इस हमले के लिए विदेश से फंडिंग की गई। जिसकी मदद से ही आईएसआई के स्लीपर सेल ने स्थानीय लड़कों को हैंड ग्रेनेड मुहैया कराई गई। वहीं निरंकारी में हुए हमले के मामले में भवन के प्रबंधक अर्जुन सिंह ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है।
हमलावर का बाइक नंबर नहीं था
बताया जा रहा है कि ग्रेनेड फेंकने के लिए दो आतंकी निरंकारी भवन पहुंचे थे। उनकी बाइक की नंबर प्लेट नहीं थी। हमलावरों के मोटरसाइकिल का रंग काला था। हमलावरों ने पल्सर बाइक का इस्तेमाल हमला करने के लिए किया था।
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