यूक्रेन युद्ध: मात्र 72 घंटों में 20 हजार छात्रों की यूक्रेन से घर वापसी कराई मोदी सरकार ने

यूक्रेन युद्ध

यूक्रेन युद्ध में 72 घंटों में मोदी सरकार ने 20 हजार छात्रों के परिवारों से मुलाकात की थी। यूक्रेन जंग में मोदी जी क्राइसेस मैनेजमेंट गजब की रही, रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरु किया तो मोदीजी की एक टीम उन परिवारों से मिली, जिनके बच्चे यूक्रेन में थे और भाजपा नेताओं ने उन्हें विश्वास दिलाया कि बच्चे सुरक्षित वापस आ जाएंगे।

Join Whatsapp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

आपात स्थिति में दिल घबरा जाए तो अफरा-तफरी मच जाती है। ये बात मोदी जी अच्छी तरह से जानते हैं और शायद यही वजह है कि उन्होंने रूस-यूक्रेन के बीच गोलीबारी शुरु होते ही बैठकों का दौर शुरू किया और जहां एक ओर बच्चों की घर वापसी के लिए विदेश मंत्रालय को सभी स्तर पर मैनेजमेंट के लिए कहा गया, वहीं दूसरी ओर नेताओं और मंत्रियों को निर्देश दिया गया कि किसी भी तरह से 72 घंटे में पूरे देश में रह रहे छात्रों के परिवारों से मिलकर उन्हें ये विश्वास दिलवाना है कि उनके बच्चे सुरक्षित घर वापसी करेंगे।

यह भी पढ़ें -   भारतीय भाषाओं की एकात्मता विषय पर भारतीय भाषा संगम का होगा राष्ट्रीय आयोजन

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस काम में पूरे सिस्टम को झोंक दिया और इसकी जिम्मेदारी दी गई महासचिव विनोद तावड़े को। एक-एक बच्चे के घर में संपर्क बनाने के लिए उनके पते के आधार पर राज्य, जिला, सेक्टर एवं पंचायत ग्राम स्तर पर डेटा अलग-अलग किया गया और इसके साथ ही रातोंरात फोन की घंटियां बजाकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों, जिला अध्यक्षों एवं मंडलों तक के कार्यकर्ताओं को बाकी सभी काम छोड़ इन परिवारों से संपर्क करने को कहा गया।

जहां एक ओर विपक्ष इस युद्ध में बीजेपी को घेरने की फिराक में था, वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं के दल चुनावी कैम्पेन के बीचों-बीच गाड़ियां लेकर शहरों से लेकर गांवों तक दौड़ने लगे। प्रधानमंत्री मोदी जी का कार्यालय इस मामले की हर घंटे अपडेट ले रहा था और बताते हैं कि उन 72 घंटों में बीजेपी दफ्तर में क्राइसिस मैनेजमेंट के सभी कर्मी भी नहीं सोए।

यह भी पढ़ें -   सुशांत सुसाइड केस पर अब सुब्रमण्यम स्वामी ने किया नया खुलासा, हिल गया बॉलीवुड

जेपी नड्डा भी विनोद तावड़े से हर घंटे अपडेट लेते रहे और ये अपडेट मोदी जी तक पहुंचते रहे। इस अभियान में कोई चूक ना हो इसलिए यूक्रेन युद्ध में फंसे हर छात्र के परिवार के घर पहुंचते ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने फोटो भी भिजवाने का निर्देश था और फोटो खींचने के बाद इस फोटो को सिर्फ क्राइसेस मैंनेजमेंट टीम के व्हाट्सएप नंबर तक ही भिजवाने हैं, उसका सोशल मीडिया पर प्रचार नहीं करना है।

सूत्रों के मुताबिक, नेताओं को ये भी निर्देश दिए गए थे कि परिवारों को हेल्पलाइन से भी जुड़वाना है और जब तक बच्चे घर ना लौट आएं, तबतक निरंतर संपर्क बनाए रखना है। भाजपा की यही रणनीति जहां यूक्रेन में फंसे बच्चों के परिवार वालों के मन में फंसी दुविधा दूर कर दी कि सरकार हमारे बारे में सोच नहीं रही है, और जब इन्हें रेग्यूलर अपडेट से भरोसा मिल गया कि मोदी सरकार हमारे बच्चों की चिंता कर रही है तो विपक्ष के उकसाने पर भी ये शांत बैठे रहे।

यह भी पढ़ें -   आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा, रूपया गिरकर 72 के पार
Join Whatsapp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

Follow us on Google News

देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।