CJI के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में विपक्ष, लेकिन कांग्रेस के भीतर ही मतभेद

नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ विपक्ष फिर से महाभियोग की तैयारी कर रहा है। विपक्षी दलों की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। विपक्ष एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ लामबंद हो रही है।

Join Whatsapp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

महाभियोग लाने का प्रस्ताव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में कई विपक्षी पार्टियों के नेता मिलकर इसपर विचार करेंगे। बता दें कि जज लोया केस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जनहित याचिका में जज लोया की मौत की जांच को नए सिरे से कराने की मांग की गई थी। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया।

यह भी पढ़ें -   नहीं बनी बात, सरकार और किसानों की बातचीत बेनतीजा, अब आगे क्या होगा?

इस मामले पर SC ने कहा था कि ऐसी जनहित याचिकाएं कोर्ट का समय बर्बाद करती हैं। फैसला देने वालों में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी शामिल थे। कोर्ट के इन निर्णय के बाद कांग्रेस में नाराजगी है। इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि यह इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। इस फैसले के बाद भी जस्टिस लोया की मौत से जुड़े बहुत सारे सवालों का जवाब नहीं मिला।

इसी फैसले के बाद नाराज कांग्रेस ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। हालांकि विपक्षी पार्टियों का यह कोई नया प्रस्ताव नहीं है। इससे पहले भी विपक्ष का प्रस्ताव आया था। बजट सत्र के दौरान कई पार्टी के विपक्षी नेताओं ने एकजुट होकर करीब 60 से अधिक सांसदों के दस्तखत भी जुटाए थे, लेकिन उसके बाद फिर से यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था।

यह भी पढ़ें -   देश के पहले Chief of Defense Staff बने जनरल बिपिन रावत, जनरल मुकुंद नए सेना प्रमुख

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक को हटाने के लिए विपक्षी पार्टियां फिर से माथापच्ची कर रहे हैं, लेकिन विपक्षी दलों में कोई भी दल यह तय नहीं कर पा रहा है कि इसकी अगुवाई कौन सा दल करे। कांग्रेस पार्टी के भीतर ही इस बात को लेकर मतभेद है कि चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाना ठीक रहेगा या नहीं।

जहां तक संख्याबल की बात है तो दोनों ही सदनों में बीजेपी की संख्याबल ज्यादा है। इस वजह से यदि महाभियोग प्रस्ताव लाया भी जाता है तो इसका पास होना मुश्किल है। कई नेताओं का यह भी मानना है कि यदि यह प्रस्ताव पास नहीं हुआ तो किरकिरी भी होगी। जो कहीं से भी उचित नहीं होगा। ऐसे में इसे लाने की जरूरत नहीं है।

यह भी पढ़ें -   कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख के पार, देश में पिछले 24 घंटे में 4970 नए केस

गौरतलब है कि हाल ही सुप्रीम कोर्ट के 4 न्यायधीशों ने मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाप बगावत करते हुए सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। सीजेआई पर इन जजों की शिकायत थी कि मुख्य न्यायमूर्ति सभी अहम मुकदमें खुद ही सुन लेते हैं यानी मास्टर ऑफ रोस्टर होने का फायदा उठाते हैं।

Join Whatsapp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

Follow us on Google News

देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।