छाछ पीने के फायदे और नुकसान, छाछ कब पीना चाहिए

छाछ पीने के फायदे नुकसान

छाछ पीने के फायदे और नुकसान – छाछ गर्मियों में खूब उपयोग किया जाता है। छाछ में दूध और दही के मुकाबले फैट और कैलोरी दोनों कम होते हैं। छाछ खट्टा और नमकीन होता है। गांव देहात में इसे मट्ठा भी कहा जाता है। छाछ का इस्तेमाल ज्यादातर गर्मियों में किया जाता है। यह पेट को ठंडा रखने में मदद करता है। छाछ में खनिज और विटामिन पाया जाता है जो हमारे पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है।

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छाछ में पोटेशियम, विटामिन बी12, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन जैसे तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा यह फॉस्फोरस का बेहतरीन श्रोत है। छाछ से कई प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते हैं। इसके साथ-साथ छाछ का उपयोग सब्जियों में भी किया जाता है।

छाछ पीने के फायदे – Benefits of drinking buttermilk

छाछ में बायो एक्टिव प्रोटीन होता है, जो हमारे शरीर के ब्लड प्रेशर को घटाने में मदद करता है। प्रतिदिन छाछ पीने से ब्लड प्रेशन नियंत्रित रहता है और हृदय से संबंधित समस्याएं नहीं होती है।

छाछ पीने से अपच की समस्या दूर होती है। यह भूख ना लगना और कब्ज की समस्या में भी फायदा पहुंचाता है।

छाछ पीने से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। यह एक प्राकृतिक औषधि की तरह कार्य करता है।

छाछ का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी की समस्या भी दूर होती है। इसके अलावा पेट में जलन की समस्या और एसिडिटी में भी यह राहत पहुंचाता है।

यदि किसी को पेशाब के वक्त दर्द होता है तो छाछ पीने से आराम मिलता है। इसके साथ यह डायरिया का खतरा भी कम करता है।

छाछ का सेवन करने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है। इससे शरीर को उचित मात्रा में पोषण प्राप्त होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।

छाछ पीने के नुकसान -Disadvantages of drinking buttermilk

छाछ पीने के फायदे के साथ-साथ इसके नुकसान भी होते हैं। छाछ का सही तरीके से और उचित समय पर सेवन लाभदायक होता है।

  1. सर्दी-खांसी में छाछ पीने से सर्दी बिगड़ सकती है।
  2. छाछ मांसपेशियों और नसों में ब्लड सर्क्युलेशन में रुकावट डालती है।
  3. गठिया, जोड़ों के दर्द व मांसपेशियों का दर्द हो तो छाछ न पीएं।
  4. छाछ का सेवन करने से जोड़ों में अकड़न की समस्या पैदा होती है। इसके अलावा यदि सांस की तकलीफ हो तो छाछ न पीएं।
  5. दिन में छाछ पीना फायदेमंद होता है। लेकिन शाम को छाछ का सेवन करने से नुकसान होता है। बुखार और कमजोरी हो तो छाछ नहीं पीना चाहिए।
  6. यदि आपको एक्ज़िमा है तो छाछ का सेवन न करें। इसके अलावा गुर्दे की तकलीफ में भी छाछ का सेवन हानिकारक माना जाता है।
छाछ कब पीना चाहिए?

आयुर्वेद के अनुसार, छाछ को दिन में किसी भी समय पिया जा सकता है। इसे भोजन करने के बाद पीना चाहिए। छाछ को शाम या रात के समय नहीं पीना चाहिए। पेट की समस्या में सुबह खाली पेट छाछ पीने से फायदा होता है।

ज्यादा छाछ पीने से क्या होता है?

कोई भी चीज का अधिक सेवन करने से नुकसान होता है। ज्यादा छाछ पीने से सर्दी-खांसी हो तो सर्दी और बिगड़ सकती है। ज्यादा मसालेदार खाना खाने के बाद एक गिलास छाछ पीने से यह मसाले के प्रभाव को बेअसर करने में मदद करता है।

छाछ पीने से मोटापा बढ़ता है?

छाछ में बायोएक्टिव प्रोटीन पाया जाता है। इसके साथ ही छाछ एंटीवायरल प्रकृति का होता है। छाछ पीने से मोटापा कम होता है। छाछ पीने से पेट में जमा एक्सट्रा फैट बर्न होता है। यह मोटापा बढ़ाने के बजाय कम करने में मदद करता है।

छाछ में कौन सा उम्ल पाया जाता है?

दूध से दही और फिर दही से छाछ बनता है। छाछ बनाने की प्रक्रिया के दौरान लैक्टोज, लैक्टिक एसिड में बदल जाता है। इस तरह से लैक्टिक अम्ल पाचन क्रिया में मदद करता है।

एक गिलास छाछ में कितनी कैलोरी होती है?

छाछ में कैलोरी की मात्रा कम होती है। एक गिलास छाछ में करीब 26-30 कैलोरी होती है। छाछ बहुत ही हल्का और भोजन को पचाने वाला होता है। छाछ खाने के बाद पीना चाहिए।

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