नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने नीति आयोग से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने अपने इस्तीफे के बारे में पीएम मोदी को 2 महीने पहले ही बता दिया था। पनगढ़िया फिर से अपने शिक्षा क्षेत्र में जाना चा रहे हैं। 31 अगस्त को नीति आयोग में उनका आखिरी दिन होगा। बता दें कि नीति आयोग की स्थापना योजना आयोग की जगह 2015 में किया गया था। तीन साल के मोदी सरकार के सफर में नीति आयोग का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
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इस नीति आयोग को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांस्फॉर्मिंग इंडिया (NITI) नाम देते हुए केन्द्रीय कैबिनेट ने 1 जनवरी 2015 को स्थापित किया था। केन्द्र सरकार के लिए नीतियों का निर्माण करने के लिए नीति आयोग ने 3 अहम उद्देश्यों को सामने रखा था- डिजिटल इंडिया, कोऑपरेटिव फेडरलिज्म, महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में लाना, अर्थात ‘नीति आयोग का उद्देश्य है ऐसे सुदृढ़ राज्यों का निर्माण करना जो आपस में एकजुट होकर एक सुदृढ़ भारत का निर्माण करें।
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बता दें कि 62 वर्षीय पनगढ़िया एक भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। वह कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुके हैं। वह एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और कालेज पार्क मैरीलैंड के अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र केन्द्र में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और सह-निदेशक रह भी चुके हैं। अरविंद पनगढ़िया ने प्रिंसटोन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी किया है। वह विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (एंकटाड) में भी विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।
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