पटना। राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद को एक और झटका लगा है। बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी को बतौर विपक्ष की नेता बनाने की मांग को ठुकरा दिया गया है। विधान परिषद के उप सभापति हारुण रशीद ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को विधान परिषद में विपक्ष के नेता का दर्जा देने की मांग ठुकरा दी। सभापति हारुण रशीद के मुताबिक राबड़ी देवी को विपक्षी नेता देने की मांग को अस्वीकार कर दिया गया है।
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सभापति हारुण रशीद ने कहा कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे ने परिषद में राजद को मुख्य विपक्षी पार्टी और राबड़ी देवी को विपक्ष के नेता का दर्जा देने के लिए अनुरोध पत्र भेजा था लेकिन तय नियम पूरा नहीं होने के कारण उनके आग्रह को अस्वीकृत कर दिया गया है। इससे संबंधित पत्र पूर्वे को भेज भी दिया गया है।
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बता दें कि नीतीश कुमार सरकार में 75 सदस्यीय भाजपा के नेता सुशील मोदी बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता थे। राबड़ी देवी को 2012 में दूसरी बार विधान परिषद का सदस्य चुना गया था और उनका कार्यकाल 2018 में समाप्त होगा। बिहार विधान परिषद के उपाध्यक्ष हारुन राशिद के मुताबिक, “उपरी सदन में विपक्ष के नेता पद के लिए नौ सदस्यों की संख्या अनिवार्य है, लेकिन वर्तमान में राजद के विधान परिषद सदस्यों की संख्या सात है। इसलिए उनका आवेदन नियमों के मुताबिक नहीं है।”
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उन्होंने कहा कि किसी भी दल के पास पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण विपक्ष के नेता का पद खाली रहेगा। उपसभापति के फैसले के बाद राजद नेता राबड़ी देवी ने उपसभापति के कक्ष में जाकर मुलाकात की। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि यह सब नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ है। उन्होंने नीतीश कुमार पर दुर्भावना से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि वक्त आने पर उनको जवाब देंगी।
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