नई दिल्ली। पीओके में पाकिस्तान की नई रणनीति को गहरा झटका लगा है। साउथ कोरिया ने पीओके क्षेत्र में निवेश नहीं करने का फैसला किया है। साउथ कोरिया ने अपनी सभी कंपनियों को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कंपनियां पीओके में निवेश न करें। दक्षिण कोरिया के इस निर्णय के बाद चीन और साउथ कोरिया को गहरा झटका लगा है। बता दें कि चीन-पाकिस्तान की आर्थिक कॉरीडोर इसी हिस्से से होकर गुजर रही है जिसमें चीन ने 46 अरब डॉलर का निवेश किया है।
इस परियोजना में रुचि दिखा रही दक्षिण कोरियाई कंपनियों को यहां की सरकार ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि वहां निवेश काफी जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि इससे भारत की संवेदनशीलता जुड़ी हुई है। सरकार के इस रुख को देखते हुए इन कंपनियों के रुख में बदलाव आने के संकेत है। बता दें कि पाकिस्तान लगातार इस बात की कोशिश कर रहा है कि पीओके में कंपनियों को निवेश के लिए राजी किया जाये ताकि इस हिस्से पर उसके दाबे को अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर बल मिल सके।
हालांकि अभी तक इस क्षेत्र में चीन के अलावा किसी भी देश ने निवेश नहीं किया है। पीओके से वाली चीन की महत्वाकांक्षी योजना वन बेल्ट-वन रोड परियोजना का कड़ा विरोध किया है। इस दिशा में भारत के प्रयास को अमेरिका और फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों का समर्थन हासिल है। भारत से यहां आये पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए दक्षिण कोरिया के उप विदेश मंत्री चो हुन ने कहा कि ‘कश्मीर के जिस हिस्से में पाकिस्तान पनबिजली परियोजना लगा रहा है उसे हम काफी संवेदनशील मानते हैं।
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि हमने उस परियोजना में रुचि दिखाने वाली कंपनियों को बेहद कड़े शब्दों में बताया है कि वहां निवेश करने से बचें। हाल के महीनों में भारत और दक्षिण कोरिया के बीच के संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ी है। लिहाजा दक्षिण कोरिया नहीं चाहता कि पीओके की वजह से भारत के साथ उनके रिश्तों में कोई खटास पैदा हो। दोनों देशों को उच्च अधिकारी संबंधों को और ऊंचे मुकाम पर ले जाने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं।
दरअसल, दक्षिण कोरिया ने भारत के साथ अपने रणनीतिक रिश्तों को काफी अहमियत देनी शुरु कर दी है और वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता जिससे दोनो देशों के रिश्तों में किसी भी प्रकार का तनाव दिखे। भारत को सियोल में कितनी अहमियत दी जा रही है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि यहां की सरकार ने भारत को दुनिया में कूटनीतिक लिहाज से पांचवा सबसे अहम साझेदार देश करार दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी की वर्ष 2015 की यात्रा के बाद दोनो देशों के बीच विशेष रणनीतिक रिश्ता कायम हुआ है। दूसरी ओर दक्षिण कोरिया इस बात से भी नाराज है कि पाकिस्तान ने परमाणु हथियार में उत्तर कोरिया की मदद कर उस क्षेत्र में शांति के लिए खतरा उत्पन्न किया है।
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