नीले रंग को दु:ख का कारण क्यों माना जाता है

नई दिल्ली। रंगों का हमारे जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। रंगों के प्रभाव से व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन साफ तौर पर देखा जा सकता है। लेकिन आमतौर पर दुनिया में नीले रंग को दुख और तकलीफ का प्रतीक माना जाता है। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि दुनिया में कई ऐसे प्रमाण हैं जो साबित करते हैं कि नीला रंग अशुभ होता है।

Follow us on Google News
Get Breaking News: Join Channel

ऑक्सफोर्ड के अनुसार नीले शब्द की उत्पत्ति blow शब्द से हुई है। जब कभी भी हमारा शरीर ब्लो करता है तो शरीर नीला पड़ने लगता है। ऑक्सीजन की कमी और जुकाम की स्थिति में भी हमारा शरीर नीला पड़ने लगता है। इन दोनों परिस्थितियों में हमें कष्ट ही होता है।

यह भी पढ़ें -   बहन से था ऐसा प्यार कि पति के साथ ये हरकत भी कर गई महिला

नीले रंग को समुद्र में यात्रा करने वाले भी अशुभ मानते हैं। जब भी जहाज का कोई कप्तान और अधिकारी समुद्र में किसी दुर्घटना का शिकार होता है तो उस जहाज के पतवार पर नीले रंग का झंडा लगा दिया जाता है। रंग विज्ञान के अनुसार जब नीले रंग को ज़्यादा गहरा किया जाता है, तो यह काले रंग में बदल जाता है। काले रंग को भी ज्यादातर सभ्यताओं में दुख और तकलीफ़ से जोड़ा गया है।

Follow us on Google News

देश और दुनिया की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए हन्ट आई न्यूज के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।




Get Breaking News: Join Channel