नई दिल्ली। रेलवे अपनी आय बढ़ाने के लिए रोज नए-नए तरीके अपना रही है। अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए यात्री किराये और माल भाड़ा के अलावा दूसरे स्त्रोतों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए रेलवे ने नई पॉलिसी लाई है। इस पॉलिसी के तहत रेलवे को 16,500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई कर सकती है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्ली में रेलवे की गैर किराया राजस्व पॉलिसी को हरी झंडी दिखा दी है। इस नई पॉलिसी के तहत रेलवे देशभर में चलने वाली सभी ट्रेनों को विनायल रैपिंग एडवरटाइजिंग के लिए ई-नीलामी करने वाला है। इसके तहत ट्रेनों को दस साल के लिए नीलाम किया जाएगा। इसके देशभर में चलने वाली कुल 10,000 से ज्यादा यात्री ट्रेनों को विज्ञापन के लिए नीलाम किया जाएगा। इसके सभी ट्रेनों को छह श्रेणियों में बांटा गया है।
नीलामी के लिए जिन ट्रेनों को तय किया गया है वो इस प्रकार हैं:
1. राजधानी, शताब्दी, जन शताब्दी और डबल डेकर
2. सुपर फास्ट, एसी सुपरफास्ट, स्पेशल और मेल एक्सप्रेस ट्रेनें
3. ईएमयू, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई
4. डीएमयू और एमईएमयू ट्रेनें
5. गरीब रथ
6. अन्य ट्रेनें
सभी श्रेणियों के ट्रेनों के लिए अलग-अलग कीमत रखी गई है। रेलवे के मुताबिक हर ट्रेन के लिए संबंधित कंपनी हर कोच के अंदर तकरीबन 250 स्क्वायर फीट का विज्ञापन लगा सकेगा। ट्रेन ब्रांडिग के जरिए रेलवे हर साल तकरीबन 2000 करोड़ रुपये कमाने का इरादा रखती है। रेलवे ने इसके लिए आउट ऑफ होम एडवरटाइजिंग पॉलिसी भी बनाई है।
रेलवे ने अपने सभी स्टेशनों पर बैंकों के एटीएम लगाने का फैसला भी किया है। अपनी नई नीति के तहत रेलवे अब बैंकों को 10 साल के लिए एटीएम स्पेस उपलब्ध कराएगा। इस तरह की डिजिटल क्रांति से भारतीय रेलवे तकरीबन 6000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी करने का अनुमान लगा रहा है।
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