पटना। बिहार में कोरोना वायरस का असर अन्य राज्यों के मुकाबले कम है। राज्य सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं वो अपेक्षाकृत संक्रमण को रोकने में प्रभावी रहे हैं। अब कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भाग रही कंपनियों को बिहार बुलाने की तैयारी चल रही है। इस दिशा में बिहार सरकार ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
कोरोना संकट काल में बिहार चीन से भाग रहे औद्योगिक निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश में जुटा है। बिहार ऐसे निवेशकों से सीधे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद बिहार सरकार अधिक-से-अधिक रोजगार सृजन के लिए कैंपेनिंग करेगी।
बिहार के पास पहले से ही कुशल श्रमिक, पेशेवर प्रबंधक, पानी, बिजली, भूमि आदि मौजूद है। यह सभी चीने बिहार में बड़े उद्योगों को आकर्षित करने के लिए काफी हैं। जानकारी के अुनसार, चीन ने पलायन के मजबूर कंपनियों के लिए बिहार सरकार ने बिहार में स्थित शूगर मिलों की जमीन को आरक्षित कर रखी है।
बिहार उद्योग विभाग की तैयारी है कि बिहार के जितने भी स्किल्ड लेबर है वो बिहार से बाहर पलायन न सके। बिहार सरकार लोगों अपने गृह राज्य में ही रोजगार की व्यवस्था में लगी है। राज्य सरकार लोगों के स्किल मैपिंग कार्य एक-दो दिनों में शुरू करने पर विचार कर रही है। लोगों का स्किल इंटरव्यू के जरिए पता किया जाएगा।
बिहार में ऐसे दर्जनों यूनिट हैं, जहां पर कुशल और अकुशल श्रमिकों की भारी कमी है। बिहार के बड़े औद्योगिक यूनिटों में ज्यादातर मजदूर झारखंड, ओड़िशा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं। बिहार सरकार अपने मजदूरों की स्किल्ड मैपिंक के जरिए रीप्लेस करवाने में जुटी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रमिकों की स्किल मैपिंग शुरू की जा रही है।
रविवार रात तक बिहार में 85 नए कोरोना मरीज मिले। बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 700 के करीब पहुंच चुकी है। रविवार को मुंगेर में 11 केस सामने आए हैं। बिहार स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बिहार में अबतक 354 कोरोना मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
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