भारत ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई (‘ऑपरेशन सिंदूर’) करके एक बार फिर अपनी सख्त नीति का परिचय दिया है। लेकिन इस ऑपरेशन के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत पर निशाना साधा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई बहस छिड़ गई है।
प्रमुख बिंदु:
- भारत की सख्त नीति: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट किया है।
- तुर्की का बदलता रुख: पहले पहलगाम हमले की निंदा करने वाला तुर्की अब पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया मोड़ आया है।
- युद्ध की आशंका: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव परमाणु युद्ध की आशंका को जन्म दे सकता है, जिससे वैश्विक शांति को खतरा हो सकता है। हालांकि इसकी संभावना नहीं के बराबर है।
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना ने सटीक टारगेटिंग के साथ पाकिस्तानी सीमा के अंदर मौजूद आतंकी शिविरों को नष्ट किया। इस कार्रवाई का मकसद भारत में होने वाले आतंकी हमलों की रोकथाम करना था। लेकिन पाकिस्तान ने इन दावों को खारिज कर दिया है और भारत पर झूठे प्रोपेगैंडा का आरोप लगाया है। तुर्की सरकार ने इस मामले में पाकिस्तान के साथ खड़े होकर भारत की कार्रवाई को “गैरकानूनी” बताया है।
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परमाणु शक्तियों के बीच बढ़ता तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” बताया और जवाबी हमले की चेतावनी दी। दोनों देशों ने अपनी हवाई सीमाएँ बंद कर दी हैं और सीमा पर गोलीबारी की घटनाएँ बढ़ गई हैं। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन
भारत की कार्रवाई के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत की कार्रवाई को “गैरकानूनी” बताया। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात कर समर्थन व्यक्त किया। तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में भी भारत की कार्रवाई की निंदा की और कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की बात कही।
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भारत की निर्णायक कार्रवाई
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हुई थी। हमले में मरने वाले अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी बताया है।
इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई रात 1 से 2 बजे के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ स्थानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में बहावलपुर, मुरिदके, कोटली, मुजफ्फराबाद और सियालकोट में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स का उपयोग करते हुए SCALP और AASM हैमर मिसाइलों से इन ठिकानों पर हमला किया। भारत के अनुसार, इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के मुख्यालयों को नष्ट किया गया।
पाकिस्तान की धमकी
पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” बताते हुए विरोध दर्ज कराया और दावा किया कि इन हमलों में 8 नागरिकों की मौत हुई और 46 घायल हुए। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उसने 3 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया। हालांकि भारत ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है।

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