नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलने के पीछे चीन की चालबाजी का एक और सबूत चीनी डॉक्टरों ने ही दे दिया है। डॉक्टरों ने खुफिया कैमरों पर इसकी पोल खोली है। डॉक्टरों ने खुलासा किया और कहा कि हमें पता था कि दुनिया में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस फैल रहा है लेकिन हमारे ऊपर झूठ बोलने का दवाब था।
वुहान के स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि वे दिसंबर 2019 से ही जानते थे कि कोरोना वायरस लोगों की जान ले रहा है, लेकिन चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को जनवरी के मध्य में जाकर बताया कि कोरोना से मौतें हो रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वे जानते थे कि यह वायरस एक मनुष्य से दूसरे में फैल रहा है। लेकिन अस्पतालों को सच नहीं बोलने को कहा गया था।
डॉक्टरों ने कहा कि नए साल के मौके पर उन्होंने चीनी उत्सवों पर रोक की भी मांग की थी लेकिन अधिकारियों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ जब हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि उन्हें बीजिंग ने इस आउटब्रेक की जानकारी देने में देर की।
खुफिया कैमरे में कोरोना वायरस के फैलने को लेकर खुलासा करते हुए एक डॉक्टर कहता है, ‘दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में, मेरे एक जानकार का रिश्तेदार वायरस से मरा था। मेरे जानकार सहित उनके साथ रहने वाले सभी लोग संक्रमित थे। हम सबने महसूस किया था कि मानव से मानव में संक्रमण फैलने को लेकर कोई शंका नहीं थी।’
बता दें कि कोरोना वायरस दुनियाभर में 9 करोड़ 61 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस वायरस की वजह से 20 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई। पिछले एक साल में कई छोटी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को कोरोना वायरस की महामारी ने तबाह कर दिया। दुनिया के कई बड़े-बड़े संपन्न देशों की हालत भी बुरी हो चुकी है।
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