हरिओम कुमार। वर्तमान चिकित्सा प्रणाली का विकास तेजी से हो रहा है, लेकिन आज भी स्वास्थ्य को लेकर पुरानी भ्रांतियां समाज में फैली हुई है और यह भ्रम पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती है।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि लोग इस भ्रम को बिना किसी तर्क के सच मानते आ रहे हैं। बिना किसी तर्क के भ्रम का अनुसरण करना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना है। उपरोक्त बातें कहना है डॉ राजकुमार पाटिल का।
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डॉ राजकुमार पाटिल एमबीबीएस, एमडी की उपाधि लेने के बाद वर्तमान में पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसीन विभाग में प्रोफेसर है। डॉ. पाटिल कई वर्षों के सामाजिक शोध के पश्चात चिकित्सा क्षेत्र में फैले भ्रम को दूर करने में लगे हैं। उन्होंने इस संबंध में कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में फैले गलत धारणाओं को दूर कर सच्चाई से लोगों को अवगत कराने के लिए उन्होंने किताब लिखी है।
दुष्यंत कुमार के शेर के जरिए वे कहते हैं कि सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं। डॉक्टर पाटिल मानते हैं कि यह सच है कि बहुत सारी पुरानी धारणाएं और रिति-रिवाज अच्छे हैं जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, इसलिए किताब में उन अच्छी अवधारणाओं को भी समावेश किया गया है।
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अपने किताब के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर पाटिल ने कहा कि लगभग 400 गलत धारणाओं को इस किताब में शामिल किया गया है।
आपको बता दें कि डॉक्टर पाटिल के इस किताब का प्रकाशन बोधि प्रकाशन जयपुर में प्रकाशित किया है जो अमेजन पर भी आसानी से उपलब्ध है।

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