भारत में राज्य सभा सदस्यों का चुनाव (Rajya Sabha election) कैसे होता है। किस प्रक्रिया (Rajya Sabha election process) के जरिए राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव किया जाता है। आइए जानते हैं राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया (Rajya Sabha election process) और वोटों का प्रतिशत।
राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया – Rajya Sabha election process:
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भारतीय संविधान के मुताबिक, भारत में बहुदलीय शासन पद्धति है। यहां पर कई राष्ट्रीय और प्रांतीय पार्टियां हैं, जो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय संसद का चुनाव (Election of Parliament) दो पद्धतियों से होता है। एक प्रत्यक्ष चुनाव जो जनता द्वारा सरकार का चुनाव किया जाता है। वह लोकसभा का चुनाव (Election of Lok Sabha) होता है। जिसमें जनता सरकार चुनने के लिए वोट करती है। जिसके बाद वोटिंग में जीतने वाली पार्टी सरकार का गठन करती है।
दूसरा चुनाव अप्रत्यक्ष होता है। यह प्रक्रिया राज्यसभा के चुनाव (Rajya Sabha election process) में अपनायी जाती है। राज्यसभा को उच्च सदन भी कहा जाता है। निम्न सदन लोकसभा को कहा जाता है। उच्च सदन कभी भी भंग नहीं होता है। यहां पर सदस्यों का चुनाव अलग- अलग अंतराल पर होता है। राज्यसभा के सदस्य कभी भी एक साथ अपना कार्यकाल पूरा नहीं करते हैं। इसलिये राज्यसभा का चुनाव लोकसभा चुनाव से बिलकुल अलग होता है।
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भारत में राष्ट्रपति का चुनाव भी अप्रत्यक्ष रूप होता है। जहां पर पार्टियां अपनी संख्याबल के आधार पर अपना मनपसंद व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाते हैं। यही स्थिति राज्यसभा चुनाव में भी होती है। आइए अब जानते हैं राज्यसभा चुनाव से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जो आपको अवश्य ही जाननी चाहिए।

राज्यसभा पहुंचने के लिए एक सदस्य को कम-से-कम न्यूनतम मान्य वोट चाहिए। यदि सदस्य ऐसा कर पाता है तो उसे राज्यसभा की सदस्यता मिल जाती है। हालांकि यह सीटों पर वोटों की संख्या पर निर्भर करती है। राज्यसभा में जाने के लिए एक सदस्य को कितना वोट चाहिए, इसे हम हाल में हुए यूपी में राज्यसभा चुनाव के द्वारा समझते हैं।
कैसे होता है राज्यसभा सांसदों का चुनाव – Rajya Sabha election process of MP
राज्यसभा में पहुंचने के लिए कुल विधायकों की संख्या को जितने सदस्य चुने जाने हैं उनमें एक जोड़कर विभाजित किया है। इसे ऐसे समझिए- चुने जाने वाले सदस्य की संख्या + 1/कुल विधायक संख्या। अब इसके बाद जो संख्या आती है उसमें एक फिर से जोड़ने पर जो संख्या आएगी, उतने वोटों की जरूरत होगी राज्यसभा सदस्य बनने के लिए।

यूपी का उदाहरण– मान लीजिए इस बार यूपी से 10 सदस्य राज्यसभा जाने वाले हैं तो इसमें 1 जोड़ने पर यह संख्या होती है 11। अब कुल संख्या 403 में 11 को विभाजित करने पर रिजल्ट आता है 36.66। अब रिजल्ट में 1 जोड़ने पर संख्या होती है 37.66। यानि प्रत्येक सदस्य को राज्यसभा में जाने के लिए कम-से-कम 37 वोट चाहिए। इसके अलावा उम्मीदवार को अपनी पहली और दूसरी पसंद का उम्मीदवार भी बताना होता है। इससे वोट प्राथमिकता के आधार पर दिए जाते हैं।
यदि उम्मीदवार को पहली प्राथमिकता का वोट मिल जाता है तो वो वह जीत जाता है नहीं तो इसके लिए चुनाव होता है। राज्यसभा में वर्तमान में कुल सदस्यों की संख्या 250 निर्धारित है। इसमें से 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा मनोनित किया जाता है। जबकि अन्य बचे सदस्यों का चुनाव होता है। यह चुनाव केंद्र और राज्य के प्रतिनिधि चुनते हैं।
भारत में राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते हैं। इसके सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं। सभी सदस्यों में से एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल प्रत्येक दो साल में पूरा हो जाता है। इस प्रकार प्रत्येक दो साल में राज्यसभा में एक तिहाई नए सदस्य आते हैं। इसी वजह से यह सदन कभी भंग नहीं होता है।

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