नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से चलते पहले से ही 21 दिनों का संपूर्ण लॉकडाउन था। लेकिन मंगलवार 14 अप्रैल को पीएम मोदी के संबोधन के बाद रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। रेलवे ने सभी यात्री ट्रैने तीन मई तक कैंसिल कर दी है। रेलवे का यह फैसला देश में लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ने के बाद आया है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में यात्री ट्रेन सेवाएं निलंबित रहने की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। रेलवे के अनुसार, सभी प्रीमियम ट्रेन, मेल, एक्सप्रेस ट्रेन, पैसेंजर ट्रेन, मेट्रो सेवाएं 3 मई तक निलंबित रहेंगी। बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के संक्रमित मरीजों की संख्या 10000 को पार गई है।
इससे पहले रेलवे ने 15 अप्रैल से यात्री ट्रेन चलाने की संभावना को देखते हुए कई तैयारियाँ भी की थी। रेलवे ने देशभर के सभी रेल कर्मियों को कर्फ्यू पास वितरित किए थे। रेलवे ने रनिंग स्टाफ जैसे कि ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड, टीटीई, स्टेशन प्रबंधक और इंजीनियरों आदि को पास बांटे थे।
पिछले दिनों रेलवे को लेकर कई शिकायतें भी आई थीं कि रेलवे देश में ट्रेन बंद रहने की अवधि के दौरान भी ट्रेन टिकटों की बुकिंग कर रोजाना लाखों रुपए कमा रही है। हालांकि रेलवे ने इस जवाब देते हुए कहा था कि रेल सेवा बंद रहने के दौरान भी रेलवे को एक निश्चित रकम वेबसाइट, सर्वर और एप मैनेजमेंट पर खर्च करना पड़ता है।
भारतीय रेलवे ने कहा था कि टिकट ब्रिकी के दौरान ली जा रही है सुविधा शुल्क (Convenience Fee) को वापस नहीं करेगी। रेलवे ने कहा था कि पहले ही यात्रियों के सुविधा शुल्क में 25 फीसदी की कमी की जा चुकी है। रेलवे (Indian Railway)ने कहा था कि बिना टिकट बुक किए भी वेबसाइट का रखरखाव, सर्वरों का मेंटेनेंस, मैनपॉवर, साइबर सुरक्षा के लिए उपाय और वेबसाइट अपडेशन पर खर्च होता है। यह रकम एक निश्चित रकम होती है।
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