मुंबई। कोरोना वायरस (कोविड-19) के कहर से घरेलू शेयर बाजारों में पिछले दो महीने में करीब 40 फीसदी की गिरावट देखी गयी। कोरोना लॉकडाउन की वजह से चालू वित्त वर्ष में बीएसई का सेंसेक्स 22.90 प्रतिशत और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 25.50 प्रतिशत लुढ़क चुका है। पिछले वित्त वर्ष के अंतिम कारोबारी दिवस पर 38,672.91 अंक पर बंद होने वाला सेंसेक्स पिछले सप्ताह शुक्रवार को 29,815.59 अंक पर आ गया।
इस प्रकार इसमें 8,857.32 अंक यानी 22.90 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी है। इस वर्ष जनवरी में 42,273.87 अंक के रिकॉर्ड स्तर को छूने वाला सेंसेक्स 24 मार्च को 25,638.90 अंक तक उतर गया था जो मई 2016 के बाद का निचला स्तर है। इस प्रकार दो महीने में इसमें 39.35 प्रतिशत की गिरावट रही।
आने वाले सप्ताह में भी बाजार पर कोरोना का असर देखा जायेगा। साथ ही इससे निपटने के लिए घरेलू तथा वैश्विक स्तर पर उठाये जाने वाले कदमों का असर भी बाजार पर रहेगा। निफ्टी पिछले वित्त वर्ष के अंत में 11,623.90 अंक पर बंद हुआ था। चालू वित्त वर्ष में 2,963.65 अंक यानी 25.50 प्रतिशत लुढ़ककर गत सप्ताहांत पर यह 8,660.25 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स की तरह ही पिछले दो महीने में इसमें भी 39.58 फीसदी की भारी गिरावट रही। जनवरी में 12,430.50 अंक के रिकॉर्ड स्तर को छूने के बाद 24 मार्च को यह 7,511.10 अंक तक लुढ़क गया था जो मार्च 2016 के बाद का निचला स्तर है।
मझौली और छोटी कंपनियों पर ज्यादा दबाव रहा। पूरे वित्त वर्ष के दौरान बीएसई का मिडकैप 31.92 प्रतिशत और स्मॉलकैप 36.80 प्रतिशत टूट चुका है। भारत में फिलहाल 21 दिनों का कोरोना लॉकडाउन है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश में सड़क, रेल और यातायात के अन्य साधन बंद हैं। छोटी-छोटी कंपनियों में कार्य पूर्ण रूप से बंद है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश के अंदर अलग-अलग प्रदेशों में मजदूरों का पलायन लगातार जारी है।



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