बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर 250, 300, 350 शब्दों का निबंध

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लड़कियों की उचित सुरक्षा, शिक्षा, व्यक्तिगत विकास, सामाजिक तथा व्यावसायिक विकास में महत्वपूर्ण है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर 250, 300, 350 शब्दों का निबंध

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर 250, 300, 350 शब्दों का निबंध ( Beti Bachao Beti Padhao Yojana Essay of 250, 300, 350 Words)

Paragraph on बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ Yojana (250 Words)

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से लांच किया गया था। यह एक केंद्रीय योजना है। इस योजना की शुरुआत समाज में बालिकाओं की स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया गया।

यह भी ट्रेंड में है 😊👇

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 400, 500 शब्दों का लेख, Paragraph on BBBP

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 400, 500 शब्दों का लेख (Paragraph on Beti Bachao Beti…

Apr 2, 2024
Beti Bachao Beti Padhao

Beti Bachao Beti Padhao Hindi Essay: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध

Beti Bachao Beti Padhao Hindi Essay: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, इस संक्षिप्त में बीबीबीपी भी…

Apr 2, 2024
Bhagat Singh Essay Hindi

Bhagat Singh Essay in Hindi: शहीद-ए-आजम भगत सिंह पर निबंध

Bhagat Singh Essay in Hindi: जब जब भारत की आजादी दिलाने वाले वीरों की बात…

May 11, 2020

योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों के जन्म दर में वृद्धि और उनकी शिक्षा तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। भारतीय समाज में बालिकाओं पर कई प्रतिबंध हैं जो उनके उचित विकास तथा पढ़ाई लिखाई में बाधा डालते हैं। यह योजना कन्या भ्रूण हत्या, बेटों के मुकाबले बेटियों को कम तवज्जो देना, बेटियों की पढ़ाई, बेटियों के उन्मुख विकास के प्रति सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करती है।

महिलाओं को लेकर समाज में अच्छी सोच नहीं है। जब भी किसी परिवार में बेटी का जन्म होता है तो उसे उसे परिवार पर बोझ माना जाता है। बेटियों का जन्म लेना परिवार में अच्छा नहीं माना जाता है। कई परिवारों में बेटियों की पढ़ाई-लिखाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। लोगों की यह सोच होती है कि एक दिन इस शादी करके दूसरे घर जाना है। इसलिए बेटियों को पढ़कर के क्या फायदा?

ताजा खबरें 😄👇

Happy New Year Shubhkamna Sandesh

Happy New Year Shubhkamna Sandesh: अपने फ्रेड्स और फैमली को भेजें यह शुभकामना संदेश

नया साल एक नई शुरुआत, नई उम्मीदों और नए सपनों का संदेश लेकर आता है।…

Dec 18, 2025
Huawei Mate 80

Huawei Mate 80 सीरीज: डिमांड इतनी ज्यादा कि कंपनी भी हैरान! क्या आपको भी करना होगा इंतजार?

Huawei ने चीन के स्मार्टफोन बाजार में Mate 80 सीरीज के साथ धमाकेदार वापसी की…

Dec 16, 2025
लाडकी बहिन योजना

क्या बंद हो रही है लाडकी बहिन योजना? नवंबर-दिसंबर की किस्तें अटकीं, जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना में दो महीने से किस्तें अटकी हैं। चुनावी प्रक्रिया को…

Dec 9, 2025

भारत में माता-पिता केवल लड़के को ही अपनी संपत्ति मानते हैं। इस मानसिकता की वजह से कई बार गर्भ में ही बेटियों को मार दिया जाता है। बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जन्म पूर्व लिंग जांच को अपराध घोषित किया गया है। लड़कियों को लेकर 21वीं सदी के लोगों के बीच इस प्रकार की सोच होना बेहद शर्मनाक है।

बालिकाओं की स्थिति भारत में पिछले दशकों में बहुत ही ज्यादा खराब थी। कन्या भ्रूण हत्या की वजह से देश में लैंगिक अनुपात में बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिल रहा था। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना की शुरुआत करने के बाद समाज में बेटियों को लेकर स्थिति में कुछ हद तक सुधार आया है।

केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के पानीपत को इस योजना की शुरुआत के लिए चुना गया। पानीपत में और खास करके हरियाणा में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या में बहुत ही ज्यादा कमी देखने को मिलती है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में देश में सबसे कम लिंगानुपात है। यहां पर 1000 लड़कों पर 775 लड़कियां हैं।

Paragraph on Beti Bachao Beti Padhao Yojana (300 Words)

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में किया गया। इस योजना की शुरुआत भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। यह एक केंद्रीय योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में बेटियों की समाजिक स्थिति में सुधार लाना है।

जनगणना रिपोर्ट की बात की जाए तो इसमें प्रत्येक दशक में बालिकाओं का अनुपात देश में लगातार घटता जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार 1991 में 0 से 6 वर्ष की बालिकाओं का अनुपात 1000 लड़कों पर 945 का था। यह अनुपात 2001 में केवल 1000 लड़कों पर 927 रह गया। इसके बाद 2011 में लड़कियों की संख्या घटकर 1000 लड़कों पर 918 रह गया।

यह स्थिति बहुत ही भयावह है। पृथ्वी पर जीवन की संभावना और जीवन के विकास के लिए यह एक बहुत बड़ा खतरा है। इस स्थिति को समझते हुए केंद्र सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की गई। योजना के अंतर्गत पूरे देश में लड़कियों की संख्या में सुधार लाने, कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करने पर जोर दिया गया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लड़कियों की उचित सुरक्षा, शिक्षा, व्यक्तिगत विकास, सामाजिक तथा व्यावसायिक विकास में महत्वपूर्ण है। इस योजना को देश के 100 चयनित जिलों में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और महिला तथा बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त पहल पर लागू किया गया है। योजना को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना देश में बालिकाओं के खिलाफ सामाजिक मुद्दों को दूर करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इस योजना के लागू होने के बाद नौकरी तथा सर्विस क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्र में महिलाओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं

लिंगानुपात में सुधार:

  • लिंग चयनात्मक गर्भपात को रोकना
  • बालिकाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना

शिक्षा और सशक्तिकरण:

  • बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना
  • महिलाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना
  • महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना

जागरूकता:

  • लैंगिक समानता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना
  • बेटियों के मूल्य के बारे में लोगों को शिक्षित करना
  • सामाजिक कुरीतियों, जैसे कि दहेज प्रथा को खत्म करना

Paragraph on Beti Bachao Beti Padhao Yojana (350 Words)

वर्तमान में भारत हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहा है लेकिन यह दुर्भाग्य है कि अभी भी देश में पुरुषों और महिलाओं में भेदभाव किया जाता है। देश में महिलाओं की स्थिति अभी भी उतनी अच्छी नहीं है। शिक्षा, प्रौद्योगिकी, राजनीति, विज्ञान, सामाजिक कार्य साहित्य इत्यादि क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या कम है।

आजादी के 75 साल बाद भी भारत में अभी भी महिलाओं के खिलाफ कई अपराध होते रहते हैं। इसमें दहेज हत्या कन्या भ्रूण हत्या लड़की और लड़के के बीच भेदभाव तथा लड़की के मौलिक अधिकारों जैसे भोजन कपड़े और बुनियादी शिक्षा से उन्हें वंचित रखा जाता है। यह को कुप्रथा अभी भी भारत के कई हिस्सों में प्रचलित है।

एक तरफ समाज जहां हर क्षेत्र में विकास कर रहा है वही समाज यह भूल गया है कि महिलाएं भी समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन उनके खिलाफ बढ़ते अपराध ने उन्हें कमजोर और डब्बू बना दिया है। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध की वजह से देश में लड़कियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

लड़के और लड़कों के बीच लिंगानुपात को ठीक रखने के लिए लड़कियों को बचाना बेहद ही जरूरी है। इसको देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगवाई में एनडीए सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की गई। बता दें कि देश में हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहां पर लड़के और लड़कियों के बीच लिंगानुपात के बीच अंतर बहुत ज्यादा है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के माध्यम से लड़कियों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया गया है। इस योजना के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा, सामाजिक विकास तथा अधिकारों को संरक्षित करने पर जोर दिया गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा कई रन नीतियां बनाई गई हैं।

बीबीबीपी अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा बालिकों के मान सम्मान तथा समाज में बालिकाओं के प्रति मूल्य पैदा करने के लिए सामाजिक गतिशीलता अभियान का निर्माण करना शामिल है। इसमें परिवारों के बीच बेटियों के उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने का भी प्रावधान है।

केंद्र सरकार इस योजना के माध्यम से उन जिलों और शहरों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है जहां पर लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या बहुत ज्यादा कम है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य यह है कि बेटियों की समस्याओं और उनके अधिकारों के प्रति समाज को जागरूक किया जाए, ताकि समाज में बेटों के साथ-साथ बेटियों की भागीदारी भी बढ़े।

यह एक ऐसा सामाजिक अभियान है जिसका मुख्य उद्देश्य है समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता लाना और लड़कियों के लिए कल्याणकारी सेवाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना। इसकी शुरुआत अक्टूबर 2014 में की गई थी लेकिन आधिकारिक रूप से 22 जनवरी 2015 को पानीपत हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योजना का लोकार्पण करके किया गया।

सरकार द्वारा इस योजना को बढ़ावा देने के लिए संचार के अलग-अलग माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए सोशल मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, अखबार और इंटरनेट पर विज्ञापन के माध्यम से जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में, कॉलेज और स्कूलों में नुक्कड़ नाटक और ड्रामे के जरिए भी समाज में बेटियों की स्थिति में सुधार लाने के लिए जागरूकता लाया जा रहा है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 400, 500 शब्दों का लेख


Follow us on Google News

देश और दुनियाँ की ताजा खबरों के लिए बने रहें हमारे साथ। लेटेस्ट न्यूज के लिए Huntnews.Com के होमपेज पर जाएं। आप हमें फेसबुक, पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Picture of Santosh Suman

Santosh Suman

संतोष सुमन एक अनुभवी और समर्पित कंटेंट राइटर हैं जो वर्तमान में हन्ट आई न्यूज के लिए लिखते हैं। उन्हें कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में 5 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह राजनीति, टेक्नोलॉजी, करंट अफेयर्स, शिक्षा और डिजिटल ट्रेंड्स जैसे विषयों पर गहरी पकड़ रखते हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर 250, 300, 350 शब्दों का निबंध

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लड़कियों की उचित सुरक्षा, शिक्षा, व्यक्तिगत विकास, सामाजिक तथा व्यावसायिक विकास में महत्वपूर्ण है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर 250, 300, 350 शब्दों का निबंध
Picture of Santosh Suman

Santosh Suman

संतोष सुमन एक अनुभवी और समर्पित कंटेंट राइटर हैं जो वर्तमान में हन्ट आई न्यूज के लिए लिखते हैं। उन्हें कंटेंट राइटिंग के क्षेत्र में 5 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह राजनीति, टेक्नोलॉजी, करंट अफेयर्स, शिक्षा और डिजिटल ट्रेंड्स जैसे विषयों पर गहरी पकड़ रखते हैं।

Related Posts