नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म (Unnao Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने केस को दिल्ली ट्रांस्फर करने आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने केस की जांच 7 दिनों में पूरी करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव केस (Unnao Case) की सुनवाई को 45 दिन के अंदर पूरा करने का आदेश दिया है।
इस केस की सुनवाई रोजाना करने का आदेश दिया है ताकि केस का निपटारा किया जा सके। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को 25 लाख मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।
पीड़िता और उनके परिवारजनों को तत्काल सीआरपीएफ सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के परिवार के अलावा उन्नाव में रह रहे उनके संबंधियों को सुरक्षा दी जाए। सीबीआई को निर्देश में कोर्ट ने कहा कि जांच 7 दिन में पूरी की जाए। सीबीआई चाहे तो 7 दिन का समय और ले सकती है, लेकिन जांच के लिए 15 दिन से ज्यादा का समय नहीं दिया जाएगा।
कुलदीन सेंगर भाजपा से निष्कासित
वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने दबाव बढ़ता देख कुलदीन सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को दिल्ली तलब किया गया है। कुलदीप सिंह सेंगर को 2 साल बाद पार्टी से निष्कासित किया गया है। बता दें कि उन्नाव केस पिछले दो सालों से चल रहा है।
इस केस में मुख्य गवाह की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत हो गयी। वहीं रविवार को पीड़िता की मौसी और चाची की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। जिस ट्रक ने कार को टक्कर को मारी उसकी नंबर प्लेट मिटी हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की हालात की जानकारी ली और कहा कि अगर पीड़िता एयरलिफ्ट करने की हालत में है तो उसे तुरंत ही दिल्ली एम्स शिफ्ट किया जाए। मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई ने पीड़िता की मां की लिखी का जिक्र किया और कहा कि वह चिट्ठी मुझ तक क्यों नहीं पहुंची?
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