नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देश में लॉकडाउन लागू किया गया था। लॉकडाउन के बाद देश में बेरोजगारी दर बहुत तेजी से बढ़ा है। देश में बेरोजगारी का स्तर इस हालात पर हैं तो 10 में से 8 व्यक्ति बेरोजगार हैं। यानि देश में 80 फीसदी लोग बेरोजगार हो चुके हैं। उनके सामने अपनी और परिवार की जीविका चलाने के लिए पैसे नहीं है। यह बेहद ही चौकाने वाला और दुखद खबर है।
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। देश में बढ़ती बेरोजगारी और रोजगार के मोर्चे पर यह रिपोर्ट विस्तार से प्रकाश डालता है। सर्वे के मुताबिक, देश में बेरोजगारी का ज्यादा असर शहरी क्षेत्रों में हुआ है। शहरी क्षेत्रों में लगभग 80 फीसदी लोग बेरोजगार हो चुके हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति कुछ ठीक है लेकिन उत्साहजनक नहीं कहा जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 57 फीसदी लोग बेरोजगार हैं। यानि भारत के ग्रामीण इलाकों में 10 में से 6 लोगों का रोजगार छिन गया है। ऐसी परिस्थिति में कई लोग अलग-अलग तरीकों से अपना घर चला चला रहे हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से बड़ी कंपनियों के बंद होने से छोटे-छोटे स्वरोजगार के तमाम धंधे बंद हो चुके हैं।
सर्वे में बताया गया है कि रोजगार जाने के बाद लोग कई तरीकों को अपना रहे हैं जीवन जीने के लिए। इन सात संकेतों से पता चलता है कि लोगों के सामने भारी वित्तिय संकट है।
- पीएफ से 30 हजार करोड़ की निकासी
- गोल्ड लोन लेने वालों की बढ़ोतरी
- सेविंग्स (बजत) में लगातार हो रही गिरावट
- म्यूचुअल फंड से पैसों की निकासी में तेजी
- पुरानी कार के बदले लोन ले रहे लोग
- ईएमआई देना बंद किया लोगों ने
- घर का खर्च क्रेडिट कार्ड के सहारे
सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार बीते एक सप्ताह में भारत में बेरोजगारी का स्तर
29, जुलाई का सप्ताह
- भारत – 7.6%
- शहरी क्षेत्र – 9.8%
- ग्रामीण क्षेत्र – 6.6%
26, जुलाई का सप्ताह
- भारत – 8.21%
- शहरी क्षेत्र – 9.43%
- ग्रामीण क्षेत्र – 7.66%
19, जुलाई का सप्ताह
- भारत – 7.94%
- शहरी क्षेत्र – 9.78%
- ग्रामीण क्षेत्र – 7.10%
12, जुलाई का सप्ताह
- भारत – 7.44%
- शहरी क्षेत्र – 9.92%
- ग्रामीण क्षेत्र – 6.34%
5, जुलाई का सप्ताह
- भारत – 8.87%
- शहरी क्षेत्र – 11.26%
- ग्रामीण क्षेत्र – 7.78%
आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में बैंकों का कुल लोन का 50 फीसदी लोन मोरेटोरियम में चला गया है। आरबीआई के अनुसार यह कुल ग्राहकों का 55 फीदसी है जो अधिक है। इससे साबित होता है कि लोन चुकाने में मध्यम और गरीब वर्ग की एक बड़ी आबादी अभी सक्षम नहीं है। देश में बेरोजगारी बढ़ने से उनके पास पैसों की भारी कमी है।
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