नई दिल्ली। लंबे समय से बिमार चल रहे अभिनेता विनोद खन्ना का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है। मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल में उन्होंने अखिरी सांस ली। विनोद खन्ना 70 वर्ष के थे। वे पंजाब के गुरदासपुर से सांसद भी थे। उनके निधन से बॉलीवुड जगत और राजनीतिक जगत में माहौल गम्गीन है। सदी के महानायक ने निधन की खबर सुनते ही इंटरव्यू छोड़ इस मुश्किल घड़ी में विनोध खन्ना के परिवार के साथ हैं।
विनोद खन्ना जबसे अस्पताल में भर्ती हुए थे तबसे ही पूरी फिल्म जगत दुआएं दे रहा था। बदा दें कि हाल ही विनोद खन्ना को शरीर में पानी की कमी होने पर मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें डॉक्टरों ने उपचार के बाद स्वास्थ्य को नार्मल बताया था। विनोद खन्ना के अमिताभ बच्चन से लेकर सलमान खान तक सभी ने कई फिल्में की हैं। विनोध खन्ना ने अमिताभ बच्चन के साथ ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘अमर अखबर एंथॉनी’ और ‘परवरिश’ जैसी बेहतरीन फिल्मों काम किया था।
विनोद खन्ना अपने समय काल में 1987 से 1994 के बीच सबसे मंहगे कलाकार थे। लेकिन फिर जैसे भाग्य ने करवट बदली और वो फिल्म जगत की चकाचौध को छोड़कर संन्यासी जीवन जीने लगे। रोज ही पार्टी करने वाला शख्स एक दिन अचानक ही संन्यासी बन गया। विनोद खन्ना को ओशो में गहरा विश्वास था। वो जिस शांति की प्राप्ति के लिए संस्यास जीवन ग्रहण किये थे वो उन्हें मिला नहीं। लेकिन इन सबके बीच मुंबई में उनका परिवार बिखर गया।
विनोद खन्ना 1982 में अमेरिका के ओरेगन राज्य में बने ओशो आश्रम रजनीशपुरम चले गए और पांच साल तक वहीं रहे। इस जीवन में उन्होंने माली के काम के साथ-साथ बर्तन धोने का भी काम किया। आश्रम में उनका नाम विनोद भारती था। संन्यास के बाद विनोद खन्ना का करियर के साथ -साथ परिवार भी बिखर गया और कभी फिर जुड़ नहीं पाया। परिवार का ये बिखराव 1985 में पत्नी गीतांजलि के साथ तलाक के बाद खत्म हो गई।
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