नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मजदूर और छात्र फंसे हुए हैं। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के आग्रह पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है, ताकि अपने राज्य के बाहर फंसे मजदूर अपने-अपने गृह राज्य की ओर प्रस्थान कर सके। कई जगहों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन मजदूरों और छात्रों को लेकर रवाना भी हो चुकी है।
बता दें कि पहले केंद्र सरकार ने लोगों को एक – राज्य से दूसरे राज्यों में पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम करने को कहा था। लेकिन बिहार सरकार द्वारा इस संबंध में हाथ खड़े कर लेने की वजह से केंद्र सरकार ने नियमों ढील दी और श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की मंजूरी दी है।
कैसे कर पाएंगे यात्रा?
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में वही लोग यात्रा कर पाएंगे जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है। लिस्ट में जिन लोगों का नाम होगा वही लोग इस ट्रेन में यात्रा कर पाएंगे। इसके लिए लोगों को अपने गृह राज्य में इसके लिए आवेदन करना होगा। राज्य सरकार नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी और नोडल अधिकारी रजिस्ट्रेशन में प्राप्त नामों को रेलवे को सौंपेगा। जिसके आधार पर यात्रा की अनुमति होगी। यात्रा से पहले जिन लोगों का नाम रजिस्टर होगा, रेलवे की तरफ से उन्हें सूचना दी जाएगी।
टिकट लेकर यात्रा नहीं कर पाएंगे
जिन लोगों ने पहले से टिकट ले रखा है वे यात्रा नहीं कर पाएंगे। यह विशेष ट्रेन सिर्फ प्रवासी मजदूरों और छात्रों तथा बाहर फंसे तीर्थ यात्रियों के लिए ही होगा। आम जनता इसमें सफर नहीं कर पाएंगे। मजदूरों और छात्रों को खुद का टिकट लेने की जरूरत नहीं है। सभी यात्रियों का किराया रेलवे द्वारा राज्य सरकारों से वसूलेगी। बता दें कि जिन ट्रेनों के जरिए मजदूरों को भेजा जाएगा उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन नाम दिया गया है।
इस संबंध में रेलवे ने कहा है कि यात्रियों को अपने साथ भोजन इत्यादि लाने की जरूरत नहीं है। सारी व्यवस्था रेलवे करेगी। इसमें आने वाला खर्च राज्य सरकारें वहन करेंगी। बता दें कि केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पहली ट्रेन हैदराबाद से झारखंड के लिए रवाना हुई थी। इस ट्रेन में 1200 लोग सवार थे। ट्रेन में कुल 24 बॉगियाँ थीं।
अभी किन -किन जगहों से चलेंगी ट्रेन
रेलवे के अनुसार, देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। अभी तक पांच ट्रेन के कार्यक्रम रेलवे ने तय किए है।
- नासिक से लखनऊ
- अलुवा से भुवनेश्वर
- नासिक से भोपाल
- जयपुर से पटना
- कोटा से हटिया
गृह राज्य पहुंचने पर भी घर में जाने नहीं मिलेगा
जो श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने-अपने गृह राज्य के लिए रवाना होंगे उन्हें ट्रेन से उतरने के बाद स्क्रीनिंग की जाएगी। यदि किसी यात्री में कोई भी लक्षण नहीं मिलते हैं तो उन्हें घर भेजा जाएगा। लेकिन यहीं पर बात खत्म नहीं होती। लोगों के घर पहुंचने पर भी 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखा जाएगा। हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक इस बात का कोई निर्देश नहीं आया है कि उन्हें घर पहुंचने पर कहां रखा जाएगा।
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