पटना। बिहार सरकार ने बाहर से जाने वाले लोगों के लिए 15 जून से क्वारंटाइन सेंटर की सुविधा पर रोक लगा दी है। सरकार की योजना के अनुसार 15 जून से राज्य के सभी क्वारंटाइन सेंटरों को बंद कर दिया जाएगा। हालांकि बिहार सरकार ने इस बीच डोर टू डोर स्क्रीनिंग जारी रखने की बात कही है।
इसके आलावा राज्य के सभी रेलवे स्टेशनों पर मेडिकल कैंप कार्यरत रहेंगे। इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि आपदा राहत केन्द्रों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि ज्यादातर लोग अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं।
बिहार के विभिन्न शहरों में ठेला वेंडर, दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक एवं अन्य जरूरतमंद लोगों के भोजन, आवासन एवं उनकी स्वास्थ्य जांच के लिए वर्तमान में 53 आपदा राहत केंद्र कार्यरत है, जिससे लगभग 11,789 लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, बिहार आने वाले अधिकतम लोग वापस आ चुके हैं। इस कारण 15 जून से क्वारंटाइन सेंटर बंद करने का फैसला लिया गया है। हालांकि इस दौरान डोर-टू-डोर स्वास्थ्य निगरानी जारी रहेगी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में कोरोना को लेकर चिकित्सा सुविधाएं मौजूद रहेंगी।
बिहार के स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार के अनुसार, 24 घंटे में 221 कोरोना संक्रमित स्वस्थ हुए हैं। राज्य में कोरोना को परास्त करने वालों की संख्या 1741 हो गई है। यह कुल संक्रमितों का 44.96 प्रतिशत है। लोकेश कुमार ने बताया कि कोरोना से राज्य में अब तक कुल 23 मौतें हुई हैं जबकि 3945 संक्रमित मामलों में 2816 प्रवासी हैं।
कितनी संख्या है बिहार में कोरोना मरीजों की?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 4155 हो चुकी है। बिहार में कोरोना से 24 लोगों की मौत हुई है। राज्य में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 2185 है। जबकि ठीक हो चुके मरीजों की संख्या 1946 है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की यह रिपोर्ट 3 जून 2020 को सुबह 8 बजे अपडेट हुई है।
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