नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी दी है कि अगर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 में किसी तरह का कोई भी बदलाव होता है तो यहां पर तिरंगा को थामने वाला कोई नहीं रहेगा। जम्मू-कश्मीर को मिले धारा 370 वहां के नागरिकों को स्थायी निवासी परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है।
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35(ए) यानि धारा 370 पर सर्वोच्च न्यायालय में बहस चल रही है। महबूबा ने कहा कि ‘कौन यह कर रहा है। क्यों वे ऐसा कर रहे हैं, अनुच्छेद 35(ए) को चुनौती दे रहे हैं। मेरी पार्टी और अन्य पार्टियां जो जोखिमों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज को हाथों में रखती हैं, मुझे यह कहने में तनिक भी संदेह नहीं है कि अगर इसमें कोई बदलाव किया गया तो कोई भी इसको थामने वाला नहीं होगा।’
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महबूबा ने कहा कि ‘मुझे साफ तौर पर कहने दें। अनुच्छेद 35ए को चुनौती देकर आप अलगाववादियों को निशाना नहीं बना रहे हैं। बल्कि आप उन शक्तियों को कमजोर कर रहे हैं जो भारतीय हैं और भारतीयता में विश्वास करते हैं। वे चुनावों में हिस्सा लेते हैं। जो जम्मू-कश्मीर के सम्मान के साथ जीने के लिए लड़ते हैं।’
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उन्होंने कहा कि अलगाववादियों का एजेंडा अलग है। महबूबा ने कहा कि कश्मीर भारत की परिकल्पना है। उन्होंने याद किया कि कैसे विभाजन के वक्त मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद कश्मीर ने दो राष्ट्रों के सिद्धांत और धर्म आधारित बंटवारे का उल्लंघन किया और भारत के साथ रहा। राष्ट्रीय राजधानी में कश्मीर से सम्बंधित एक आयोजन में उन्होंने कहा कि टेलीविजन के प्राइम-टाइम में जिस तरह के भारत को दिखाया जा रहा है उससे वह निराश हैं, क्योंकि यह भारत तथा कश्मीर के बीच की खाई को गहरा करता है।
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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद जताई कि वह जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मोदी इस वक्त के व्यक्तित्व हैं। हमें साथ मिलकर काम करना है और कश्मीर को संकट से बाहर निकालने का एक रास्ता होना चाहिए। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में एक एनजीओ ने याचिका दायर कर अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने की मांग की थी। मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।
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