नई दिल्ली। मजदूर दिवस: देशव्यापी लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने वाला है। इस देशव्यापी लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी झेलने वाला वर्ग प्रवासी मजदूरों का है। वो मजदूर जो अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर फंसे हुए हैं। इन प्रवासी मजदूरों की समस्या को देखते हुए देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए अब केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है।
इससे पहले कल ही गृह मंत्रालय ने इनकी घर वापसी के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी, जिनमें कई तरह की छूट दी गई थी। गृह मंत्रालय ने पहले बसों से इनकी वापसी सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया था। लेकिन मजदूर दिवस से मौके पर केंद्र सरकार ने अब ट्रेन के जरिए भी देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए निर्देश दिया है। राज्य सरकारें और रेल मंत्रालय ये आवाजाही सुनिश्चित करेंगे।
मजदूर दिवस पर देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। खबरों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने रेलवे को मजदूरों के लिए और ट्रेन चलाने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए सभी जनरल मैनेजर को स्टेट चीफ सेक्रेटरीज से संपर्क कर प्लान करने को कहा गया है। वहीं उन्हें अपने स्तर पर निर्णय लेने और परस्पर कोऑर्डिनेट करने की स्वतंत्रता दी गई है।
बता दें कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए लाखों प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को बुधवार को कुछ शर्तों के साथ उनके गंतव्यों तक जाने की अनुमति दी है। मालूम हो कि बिहार, पंजाब, तेलंगाना और केरल ने केंद्र सरकार से लोगों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की थी। राज्यों ने कहा था कि लोगों की संख्या काफी है। ऐसे में बसों से इन लोगों को घरों तक पहुंचाने में काफी समय लग जाएगा। वहीं, संक्रमण का भी खतरा रहेगा, क्योंकि कई राज्यों से होकर आना होगा।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों को अपने गृह राज्यों में जाने की अनुमति दे दी है। हालांकि तय नियम-कायदों के तहत ही इन लोगों को बसों के जरिये एक राज्य से दूसरे राज्य भेजे जाने को कहा गया है।
बता दें कि आज प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए तेलंगाना में लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया तक 1200 प्रवासियों को ले जाने वाली पहली ट्रेन शुक्रवार सुबह 4:50 बजे रवाना हुईय। 24 कोच की ट्रेन आज रात 11 बजे झारखंड के हटिया पहुंचेगी। इन यात्रियों के साथ दिशा-निर्देशों के अनुसार क्वारंटीन आदि सहित सभी उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
अब एक और स्पेशल ट्रेन केरल के एर्नाकुलम से ओडिशा के भुवनेश्वर के लिए चलाई जाएगी। इस ट्रेन में करीब 1000 मजदूरों को बैठने की अनुमति होगी। ओडिशा सरकार की अपील के बाद रेल मंत्रालय ने इस स्पेशल ट्रेन को चलाने की अनुमति दी है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, स्क्रीनिंग, क्वारनटीन जैसे नियमों का पालन करना होगा। वहीं, दूसरी ओर अभी कर्नाटक के लिए किसी भी स्पेशल ट्रेन को चलाने का फैसला नहीं लिया गया है। कई राज्य सरकारों ने केंद्र से विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है। इस बीच इन दो ट्रेनों को चलाया जा रहा है।
वहीं खबरों के मुताबिक बाकि और राज्यों से भी प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुँचाने के लिए उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके गंतव्य तक जल्द ही पहुँचाया जाएगा।



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