नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजस्थान के टोंक में एक जनसभा को संबोधित किया। जनसभा में पीएम मोदी ने पुलवामा हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई कश्मीरियों को लेकर नहीं है बल्कि हमारी लड़ाई कश्मीर को लेकर है। इस दौरान उन्होंने पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों से बदला लेने की बात कही।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली। इस आत्मघाती हमले के बाद से ही देश में पाकिस्तान के खिलाफ रोष का माहौल है। देश में जनता पाकिस्तान से बदला लेने के लिए सरकार पर दवाब बना रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टोंक में भाषण के मुख्य अंश
- टोंक और सवाई माधोपुर की धरती से सबसे पहले मैं पुलवामा में बलिदान देने वाले वीर शहीदों को नमन करता हूं। मैं इन वीर सपूतों की माताओं और उनके परिवार को कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से फिर से अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
- दुनिया की हर बड़ी संस्था आज पुलवामा में हुए आतंकी हमले के खिलाफ एकजुट है। सीमा पर डटे सैनिकों पर, मोदी सरकार पर और मां भवानी के आशीर्वाद पर भरोसा रखिए, इस बार सबका हिसाब पूरा होगा।
- मुझे अपने वीर जवानों पर गर्व है जिन्होंने 100 घंटे के अंदर अपने शहीद साथियों पर हमले का बदला लिया और एक बड़े गुनहगार को वहां पहुंचा दिया, जहां उसकी जगह है।
- आपका ये प्रधानसेवक दुनियाभर में आतंकियों का दाना-पानी बंद करने में जुटा है। दुनिया में तब-तक शांति संभव नहीं है, जब-तक आतंक की फैक्ट्रियां चलती रहेंगी। आतंक की फैक्ट्रियों पर ताला लगाने का काम मेरे ही हिस्से लिखा है, तो ऐसा ही सही।
- पीएम ने कहा कि “कश्मीर के पंच-सरपंचों ने मुझसे किया वादा निभाया है। मैंने उनसे कहा था कि जब आतंकवादी स्कूल जलाता है तब वह इमारत नहीं जलाता है, आपके बच्चों का भविष्य जलाता है।” उन्होंने कहा, ”आज मैं गर्व के साथ कहता हूं कि कश्मीर घाटी के मेरे पंच-सरपंचों ने एक भी स्कूल जलने नहीं दिया।”
- ये बदला हुआ हिंदुस्तान है, ये दर्द सरकार चुपचाप नहीं सहेगी, ये दर्द सहकर हम चुपचाप नहीं बैठेंगे, हम आतंक को कुचलना भी जानते हैं। ये नई रीति और नई नीति वाला भारत है।
- पीएम ने कहा- हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। मानवता के दुश्मनों के लिखाफ है। हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीरियों के खिलाफ नहीं है। पिछले वर्ष अमरनाथ यात्रा में घायल हुए लोगों को रक्त देने के लिये कश्मीरी लोग लाइन बनाकर खड़े थे।
- ये वही लोग हैं जो पाकिस्तान जाकर कहते हैं, कुछ भी करो लेकिन मोदी को हटाओ, ये वही लोग हैं जो मुंबई हमले के बाद आतंक के सपरस्तों को जवाब देने की हिम्मत नहीं दिखा पाए। ऐसे लोग न देश के जवान के हैं और न ही देश के किसान के।
- आज प्रत्येक हिंदुस्तानी देश की सेना के साथ है, देश की भावनाओं के साथ है, लेकिन मुझे मुट्ठी भर उन लोगों पर अफसोस होता है, जो भारत में रहते हुए पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।
- पाकिस्तान में नई सरकार बनने पर मैंने प्रोटोकॉल के तहत उन्हें फ़ोन करके बधाई दी थी और कहा था कि हम बहुत लड़ चुके, आओ मिलकर गरीबी और अशिक्षा के खिलाफ लड़े। उन्होंने कहा कि मोदी जी मैं पठान का बच्चा हूं, कभी झूठ नहीं बोलता। आज उनके शब्दों को कसौटी पर तौलने का वक़्त है।

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