नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक साथ 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक उसके कक्षा में स्थापित कर एक नया इतिहास रचा है। बुधवार को इसरो के लिए खास दिन था। इसरो ने बुधवार को एक बड़ी कामयाबी अपने नाम किया। श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से उस एकल मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च के साथ भारत दुनिया का पहला देश बन गया है जो एक साथ इतने उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया हो। यह एक विश्व रिकॉर्ड है।
जानकारी के अनुसार, इन 104 उपग्रहों में भारत के तीन और विदेशों के 101 सैटेलाइट शामिल है। प्रक्षेपण के कुछ देर बाद पीएसएलवी-सी37 ने भारत के काटरेसैट-2 श्रृंखला के पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों तथा 103 नैनो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को इस कामयाबी पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है।
इसरो के अनुसार, पीएसएलवी-सी37 काटरेसेट-2 श्रृंखला के सेटेलाइट मिशन के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती बुधवार सुबह 5.28 बजे शुरू हुई। ‘ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान’ (पीएसएलवी-सी 37) ने अपने 39वें मिशन पर अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं से जुड़े रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया। मिशन रेडीनेस रिव्यू कमेटी एंड लांच ऑथोराइजेशन बोर्ड ने प्रक्षेपण की मंजूरी दी थी। बता दें कि इससे पहले रूसी अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से एक बार में 37 उपग्रहों की तुलना में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर इतिहास रच दिया है।
इस ऐतिहासिक घटना के साथ ही भारत एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च कर विश्व का पहला देश बन गया है। इससे पहले भारत ने जून 2015 में 23 उपग्रहों को प्रक्षेपण किया था। यह उसका दूसरा सफल प्रयास है। 104 उपग्रहों में से 96 उपग्रह अमेरिका के, पांच क्रमश: इसरो के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों- इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात के हैं। इसमें दो अन्य भारतीय उपग्रह भी हैं जिसका वजन करीब 1378 किलोग्राम है।
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