इंडिया में हाइड्रोजन बम
डेस्क। हाइड्रोजन बम लेकर अक्सर यह सवाल उठता है कि इंडिया के पास कितने हाइड्रोजन बम है? बता दें कि भारत के पास भी (Hydrogen Bomb) हाइड्रोजन बम है। हाइड्रोजन बम का अविष्कार सबसे पहले अमेरिका में हुआ था। अमेरिका के एडवर्ड टेलर (Edward Teller) ने हाइड्रोजन बम का अविष्कार किया था। एडवर्ड टेलर को हाइड्रोजन बम का पिता भी माना जाता है।
हाइड्रोजन बम परमाणु बम से 1000 गुणा ज्यादा शक्तिशाली होता है। संपूर्ण मानवजाति के साथ-साथ धरती पर से जीवन का नामो-निशान मिटाने की क्षमता हाइड्रोजन बम में होता है। हाइड्रोजन बम परमाणु बम का ही एक सुधरा हुआ रूप है। परमाणु बम का इस्तेमाल अमेरिका-जापान युद्ध में हो चुका है। अमेरिका-जापान युद्ध में परमाणु बम के इस्तेमाल से 1 लाख 85 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
हाइड्रोजन बम फ्यूजन (Fusion) और फीजन (Fission) तकनीक पर काम करता है। दुनिया के पहले हाइड्रोजन बम के परीक्षण में करीब 10,000,000 टन टीएनटी की ऊर्जा पैदा हुई थी। टीएनटी (TNT) एक इकाई है जिसके द्वारा हाइड्रोजन बम की ताकत मापी जाती है। हाइड्रोजन बम का दूसरा नाम थर्मोन्यूक्लियर बम (Thermonuclear Bomb) भी है।
आधिकारिक तौर पर अभी फिलहाल 6 देशों के पास ही हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) की ताकत है। इन देशों में शामिल है अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिट्रेन, रूस और भारत। इस बम का पहला परीक्षण वर्ष 1951 में किया गया था। माना जाता है कि हाइड्रोजन बम का एक छोटा सा डिवाइस भी किसी शहर को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए काफी होता है।
भारत के लड़ाकू विमानों के बारे में तो जानकारी उपलब्ध है लेकिन भारत के पास हाइड्रोजन बम की बात करें तो कोई निश्चित संख्या नहीं पता है। भारत में हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) को लेकर स्थिति स्प्ष्ट नहीं होने के कारण संख्या का निश्चित पता नहीं है। भारत ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण 1998 में किया था। खबरों के मुताबिक, परमाणु वैज्ञानिक के संथानम का दावा है कि भारत के पास सिर्फ न्यूक्लियर फीजन यानि की परंपरागत परमाणु बम की ही तकनीक है।
संथानम ने दावा किया है कि पोखरन-2 में जिस थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस का टेस्ट किया गया था वो उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा था। हालांकि ऑपरेशन शक्ति के बाद सरकार ने दावा किया था कि भारत ने परमाणु बम की पूरी तकनीक हासिल कर ली है। बता दें कि भारत ने आगे और परमाणु परीक्षण नहीं करने का ऐलान किया है। लिहाजा भारत में परमाणु हथियारों को लेकर हमेशा संदेह बना रहेगा।
अभी तक हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल किसी भी युद्ध में नहीं किया गया है। परमाणु बम के इस्तेमाल का खामियाजा मानव जाति ने पहले ही देख लिया है। इसलिए परमाणु बम से 1000 गुणा अधिक ताकतवर और विनाशकारी इस हथियार का इस्तेमाल कोई देश नहीं करना चाहेगा।
जहां तक इंडिया के पास कितने हाइड्रोजन बम है, का सवाल है तो भारत के पास भी हाइड्रोजन बम है, लेकिन हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) की वास्तिवक संख्या का पता नहीं है।
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