नई दिल्ली। दिल्ली से सटे यूपी का गाजियाबाद जिला पहले एक इंडस्ट्रियल एरिया के रुप में जाना जाता था। लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है। पिछले कुछ सालों से गाजियाबाद की तरफ लोगों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। लोगों के लिए ना सिर्फ रहने लायक बल्कि स्टूडेंट्स की भी गाजियाबाद पहली पसंद बनते जा रहा है।
पहले लोग कनेक्टिविटी कम होने की वजह से यहां आशियाना लेने से कतराते थे। लेकिन दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव समेत एनसीआर के अन्य जिलों से बेहतर जुड़ाव होने से अब गाजियाबाद हाउसिंग हब के साथ-साथ एजुकेशन हब के रुप में भी अपनी पहचान बना रहा। यूपी ही बल्कि पूरे देश के कोने-कोने से स्टूडेंट यहां पढ़ाई के लिए आते हैं और अपना करियर बनाते हैं।
एजुकेशन के क्षेत्र में गाजियाबाद जिला
एजुकेशन के क्षेत्र में गाजियाबाद में बड़ी तेजी से बदलाव हो रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक काउंसलिंग के शुरूआत में ही गाजियाबाद और नोएडा के कॉलेजों की सीटें सबसे पहले फुल होती हैं। बता दें, यूपीएससी, आईआईटी, एआईपीएमटी एंट्रेस टेस्ट में भी यहां के स्टूडेंट्स अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं। स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया रैकिंग में अच्छी पोजिशन हासिल कर रहें हैं। अब तो गाजियाबाद प्राइवेट इंस्टिट्यूशन भी आना ज्यादा पसंद करते हैं। यहां पर करीब 50 से ज्यादा टेक्निकल, मैनेजमेंट और मेडिकल कॉलेज हैं।
गाजियाबाद में स्कूल-कॉलेज और इंस्टिट्यूट्स की संख्या
– जिलें में 398 प्राथमिक विद्यालय व 195 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं।
– 220 माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूल-कॉलेज हैं।
– 120 सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल हैं।
– 15 आईसीएसई बोर्ड के भी स्कूल हैं।
– 70 से अधिक मेडिकल, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट आदि के कॉलेज हैं।
हर साल ही यहां पर नए स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं। यहां के कॉलेजों में देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां ही नहीं बल्कि कई मल्टीनैशनल कंपनियां भी आती हैं और स्टूडेंट्स को अच्छे पैकेज पर जॉब भी देती हैं। इन सब खासियतों ने ही गाजियाबाद को एजुकेशन हब के रूप में यूपी ही नहीं पूरे देश में पहचान दिलाई है।



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