घर में पूजा कैसे करें? जानें दैनिक पूजा करने के नियम

घर में पूजा कैसे करें? जानें दैनिक पूजा करने के नियम

कई लोग पूजा के लिए मंदिर जाते हैं तो वहीं कई लोग घर में ही पूजा करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि घर में पूजा कैसे करें ताकि ईश्वर की कृपा सदैव हम पर बनी रहे। शास्त्रों में पूजा करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों के अनुसार, पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य पूर्ण होते हैं और उनकी पूजा ईष्ट द्वारा और ईश्वर द्वारा स्वीकार की जाती है।

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घर में पूजा कैसे करें? जानें नियम

1. घर में पूजा पाठ करने से पहले व्यक्ति को पहले स्नान के बाद शुद्ध हो जाना चाहिए। पूजा में दीपदान का महत्व सबसे अधिक होता है। इसलिए पूजा में दीपक अवश्य जलाना चाहिए। बिना दीपक के पूजा सफल नहीं माना जाता है।

2. अपने ईश्वर की दैनिक पूजा हमेशा स्नान-ध्यान करने के बाद करना चाहिए। पूजा करते वक्त अपने मन को पवित्र और प्रसन्न रखें।

3. हमेशा शुद्ध और पवित्र भूमि पर आसन लगाकर बैठें और ईश्वर की आराधना करें। ऊनी आसन पर बैठकर पूजा करना सर्वोत्तम माना जाता है।

4. घर में भगवान की पूजा हमेशा निश्चित समय पर और निश्चित स्थान पर ही करना चाहिए। अपने आराध्य की पूजा हमेशा पूर्व उत्तर पूर्व या ईशान कोण की ओर अपना मुख करके ही करना चाहिए।

5. पूजा के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजा करते वक्त कभी भी आपकी पीठ देवी-देवता की तरफ नहीं होना चाहिए। ऐसा होना ईश्वर का अनादर माना जाता है।

6. घर में पूजा करते वक्त तांबे के पात्र में चंदन को नहीं रखना चाहिए और अपने देवी-देवताओं को पतला चंदन का तिलक इत्यादि नहीं लगाना चाहिए।

7. अपने आराध्य के लिए जलाए गए दीप के नीचे चावल अवश्य रखना चाहिए। पूजा के दौरान कभी भी दीपक से दीपक को नहीं जलाना चाहिए। रोजाना पंचदेव सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिवजी और भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए।

8. ईश्वर के समक्ष सुबह-शाम आरती अवश्य करना चाहिए। संभव हो तो आरती को 5 बार करें। यदि आप आरती नहीं कर पाते हैं तो कम से कम दीपक भगवान के आगे जरूर जलाना चाहिए।

9. घर में पूजा करते वक्त आरती हमेशा खड़े होकर करना चाहिए। आरती को सबसे पहले आराध्य के चरणों की तरफ चार बार, इसके बाद नाभि की तरफ दो बार और अंत में एक बार मुख्य तरफ घूमाएं। इस तरह कुल 7 बार आरती करना शुभ माना जाता है।

10. ईश्वर की आरती करने के बाद उनके ऊपर जल छिड़कें और प्रसाद स्वरूप सभी लोगों पर भी इसे छिड़कें। आरती के बाद हमेशा दोनों हाथ से ही उसे ग्रहण करें।

11. कभी भी बिना आसन के पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। पूजा के बाद अपने आसन के नीचे दो बूंद जल अवश्य डालना चाहिए और उसे माथे पर लगाकर उठना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपकी पूजा का फल देवराज इंद्र को चला जाता है।

नोट – यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित है इस विषय में विशेष जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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