नई दिल्ली। देश ने पहले चीफ ऑफ डिफेंस (Chief of Defense Staff) जनरल बिपिन रावत बनाए गए हैं। जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को रिटायर हो गए हैं। अब अगले तीन साल के लिए जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस (Chief of Defense Staff) के तौर पर कार्य करेंगे। सेना प्रमुख के पद पर जनरल मुकुंद नरवाणे को नियुक्त किया गया है। कारगिल युद्ध के पश्चात ही भारतीय सेना में इसकी जरूरत महसूस की गई थी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2019 में नए सीडीएस पद पर नियुक्ति का ऐलान किया था। सीडीएस (Chief of Defense Staff) की जरूरत देश को कारगिल युद्ध के दौरान महसूस हुई थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सीडीएस की नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था। हालांकि यह मामला काफी लंबे वक्त के लिए लटका रहा। 2019 में फिर से केंद्र सरकार ने सीडीएस की नियुक्ति को हरी झंडी दी। जिसके बाद नए सीडीएस प्रमुख के तौर पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति की गई।
मुख्य बातें-
- जनरल बिपिन रावत बने नए सीडीएस प्रमुख
- जनरल मुकुंद नरवाणे नए सेना प्रमुख
- सीडीएस का कार्यकाल तीन साल का होगा
- 2019 में 15 अगस्त को पीएम मोदी ने किया था ऐलान
- आपात स्थिति में सीडीएस प्रमुख की भूमिका होगी अहम
- बिना रक्षा सचिव के मंजूरी के ही कर सकेंगे रक्षा मंत्री के मुलाकात
- सीडीएस एक 4 स्टार जनरल होगा
केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस (Chief of Defense Staff) का कार्यकाल 3 साल के लिए और बढ़ा दिया है। बिपिन रावत अगले तीन साल तक इस पद पर बने रहेंगे। बता दें कि केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस प्रमुख के रिटायरमेंट की उम्र में तीन साल की बढ़ोतरी कर दी। चीफ ऑफ डिफेंस की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं से जुड़े मामले में रक्षामंत्री को सलाह देना है। सीडीएस ही रक्षामंत्री का प्रधान सैन्य सलाहकार होगा। हालांकि सैन्य सेवाओं से जुड़े मामलों में पहले की तरह ही तीनों सेनाओं के प्रमुख रक्षामंत्री को सलाह देते रहेंगे।
जनरल बिपिन रावत सीडीएस (Chief of Defense Staff) के ऐलान के बाद से ही प्रमुख दावेदारों में से एक थे। चीफ ऑफ डिफेंस नियुक्ति का सुझाव कारगिल युद्ध समिति ने दिया था। सीडीएस का पद एक फोर स्टार जनरल के समकक्ष होगा और यह सभी सेनाओं के प्रमुख में सबसे ऊपर होगा। चीफ ऑफ डिफेंस को तीनों सेनाओं के प्रमुख के बराबर ही सैलरी दी जाएगी। चीफ ऑफ डिफेंस बिना रक्षा सचिव के मंजूरी के ही रक्षामंत्री से मुलाकात कर सकेंगे।
बता दें कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defense Staff) की नियुक्ति का मुख्य मकसद युद्ध या आपात की स्थिति में तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को बढ़ाना है। पीएम मोदी ने 15 अगस्त को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को गठित करने का ऐलान किया था। पीएम मोदी की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था।
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