बिपिन रावत की जीवनी
बिपिन रावत की जीवनी – भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत देश के 27वें थलसेना प्रमुख के रूप में भी कार्यभार संभाल चुके हैं। बिपिन रावत 2016 में देश के 27वें थलसेना प्रमुख बने। बिपिन रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल सहित कई सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को सीडीएस बने।
जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड में हुआ था। उनके पिता का नाम लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत है जो खुद सेना के लेफ्टिनेंट जनरल पद से सेवानिवृत हुए थे। बिपिन रावत को भारत सरकार ने पहला सीडीएस बनाया। सीडीएस का मुख्य काम है थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच किसी भी आपात स्थिति में बेहतर तालमेल बैठाना।
बिपिन रावत का बचपन फौजियओं के बीच में ही बीता, क्योंकि उनके पिता एल एस रावत खुद फौज में थे। बिपिन रावत ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला से पूरी की। इसके बाद वे इंडियन मिलिट्री एकेडमी में प्रवेश लेकर देहरादून चले गए। यहां उन्होंने अपनी हुनर दिखाते हुए पहला सम्मान पत्र (SWORD OF HONOUR) प्राप्त किया। इसके बाद बिपिन रावत अमेरिका चले गए और वहां उन्होंने सर्विस स्टाफ कॉलेज में ग्रेजुएट किया।
जनरल बिपिन रावत ने 16 दिसंबर 1978 में आर्मी को ज्वाइन किया। उनकी पहली ज्वाइनिंग गोरखा 11 बटालियन 5 में हुई। बिपिन रावत ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी जिंदगी में गोरखा का काफी असर है। यहां पर उन्होंने जो सीखा, वह उन्हें कहीं और सीखने को नहीं मिला।
यहीं पर बिपिन रावत ने आर्मी की नीतियों को समझा और उसके अनुसार आगे बढ़े। उन्होंने आर्मी में रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। Crops , GOC-C , SOUTHERN COMMAND, IMA DEHRADUN , MILLTERY OPREATIONS DIRECTORET में LOGISTICS STAFF OFFICER के पद पर भी बिपिन रावत ने काम किया।
जनरल बिपिन रावत ने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी अपनी सेवाएं दी। वे कांगो के UN Mission में भागीदार भी रहे। उन्होंने अपनी अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं में 7000 लोगों की जान बचाई थी। उन्होंने भारत के अलावा नेपाल, भूटान, कजाकिस्तान इत्यादि देशों में अपनी सेवाएं दी।
31 दिसंबर 2016 को दलबीर सिंह सुहाग के रिटायर होने के बाद जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख बनाया गया। उन्होंने इस पद को 1 जनवरी 2017 संभाला और 2019 तक इसपर काम किया। उसके बाद वे 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले बनाए गए और बिपिन रावत ने 1 जनवरी 2020 को सीडीएस का पदभार ग्रहण किया।
जनरल बिपिन रावत को फुटबॉल खेलना और लिखना बहुत पंसद है। उनके लेख कई पत्र-पत्रिकाओं में अक्सर प्रकाशित होते रहते थे। वे भारतीय राजनीति पर कई बार कटाक्ष कर चुके हैं।
बिपिन रावत पूरे 37 साल आर्मी में रहे। इस दौरान उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियों को निभाया। बिपिन रावत एकता में विश्वास करते थे और हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि अकेले कोई कार्य नहीं किया जाता है, जो भी कार्य सफल होता है उसमें टीम की भागीदारी होती है।
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