नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से Article 370 को हटाने के लिए संसद ने विधेयक पारित कर दिया है। विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद Article 370 अब जम्मू-कश्मीर को हिस्सा नहीं रहेगा।
सरकार ने संसद के दोनों सदनों में बहुमत से इस विधेयक पारित करा लिया। विधेयक के पारित होने के साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रीय प्रदेशों में विभक्त कर दिया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया है।
लद्दाख बिना विधानसभा युक्त केंद्र शासित प्रदेश होगा जबकि जम्मू-कश्मीर की अपनी विधानसभा होगी। दिल्ली भी एक केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन यहां पर भी राज्य का अपना विधानसभा है। हालांकि केंद्र शासित प्रदेशों में विधानपरिषद नहीं होता है। जबकि एक पूर्ण राज्य के पास विधानसभा और विधानपरिषद् दोनों होते हैं।
बता दें कि राष्ट्रपति से Aricle 370 को हटाने वाली विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानूनी रूप से लागू किया जा सकेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने संबंधी विधेयक का प्रस्ताव लोकसभा में रखा। लोकसभा में विधेयक को 352 मतों से पास करा लिया गया। विधेयक के विपक्ष में 72 मत पड़े। बता दें कि राज्यसभा में विधेयक को पहले ही पारित करा लिया गया था।
विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही विधेयक कानूनी रूप से लागू हो जाएगा।
संसद में गृहमंत्री ने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का हिस्सा भी इस विधेयक के अंतर्गत आएगा जो अभी पीओके और अक्साई चिन के नाम से जाना जाता है। अमित शाह संसद में विपक्ष के सवालों के जबाव में कहा कि पीओके और अक्साई चिन भी दोनों केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा होगा।
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