नई दिल्ली। अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से बाहर हो गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने इसके लिए भारत और चीन को दोषी ठहराया है। बता दें कि पिछले साल अमेरिका पेरिस समझौते से पीछे हटने का फैसला लिया था। ट्रंप ने पेरिस समझौता को अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा अमेरिका को भुगतना पड़ेगा। ट्रंप ने कहा कि पेरिस समझौते से अमेरिका को नुकसान होगा।
एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि समझौता सही नहीं था क्योंकि अमेरिका को उन राष्ट्रों भुगतान करना होता जिन्हें इसका सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा था। ट्रंप ने पिछले साल जून में पेरिस समझौता से पीछे हटने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इस समझौते से अमेरिका को खरबों डॉलर का बोझ पड़ेगा। नौकरियां खत्म होंगी और तेल, गैस, कोयला एवं निर्माण उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप ने दलील दी कि चीन और भारत को पेरिस समझौते से सबसे अधिक फायदा है। उन्होंने कहा कि यह समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है क्योंकि इससे कारोबार और नौकरियों पर काफी बुरा असर पड़ता। भारत और अन्य देशों पर टिप्पणी करते हुए ट्रंप ने कहा कि अन्य देशों, बड़े देशों –भारत और अन्य– की कीमत हमें चुकानी पड़ती। क्योंकि वे खुद को उभरता देश मानते हैं। ‘वे उभरते देश हैं। मैं कहता हूं, हम क्या है? क्या हमें भी आगे बढ़ने दिया जा रहा है।
अपने फैसले का पक्ष लेते हुए ट्रंप ने कहा, ‘आपके पास तेल और गैस का प्रचुर भंडार है। आप जानते हैं कि तकनीक अद्भुत है। हमने ऐसी चीजें पाई हैं जिसके बारे में हम नहीं जानते थे। हम दुनिया में शीर्ष के करीब हैं। हमारे पास ऊर्जा का अक्षय भंडार है। हमारे पास कोयला है। असल बात यह है कि वे कहते हैं, इसका इस्तेमाल नहीं करें। यह हमें अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा से बहार कर देता। मैंने उन्हें कह दिया कि ऐसा नहीं होने जा रहा।’
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